मुंबई। पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि मौजूदा संकट के दौर में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को अगुआ की भूमिका निभानी चाहिए और अगर इस साल के आखिरी में राष्ट्रीय टीम ऑस्ट्रेलिया का दौरा करती है तो इससे उनके मन में बोर्ड को लेकर सम्मान और बढ़ जाएगा।
गंभीर बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरूण धूमल के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद पृथकवास पर जा सकती है। दो सप्ताह के पृथकवास की जरूरत हालांकि तभी होगी जब द्विपक्षीय श्रृंखला से पहले वहां खेले जाने वाले टी20 विश्व कप का आयोजन नहीं होगा।
गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ में कहा, ‘बीसीसीआई की तरफ से यह एक बहुत ही सकारात्मक संकेत है, क्योंकि मुझे लगता है कि वे एक बड़ी तस्वीर देख रहे हैं। इससे पूरे देश का मूड बदल सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया में श्रृंखला जीतना जरूरी है लेकिन यह सिर्फ श्रृंखला जीतने के बारे में नहीं है। इससे भारत ही नहीं ऑस्ट्रेलिया में भी सकारात्मक माहौल बनेगा।’
भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चार टेस्ट मैच खेलना है। अगर यह दौरा नहीं हुआ तो क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को 300 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 14.74 अरब रुपए) का नुकसान होगा। गंभीर ने कहा, ‘अगर भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया तो मेरे मन में बीसीसीआई के लिए सम्मान और बढ़ जाएगा।’
भारत के लिए 58 टेस्ट और 147 एकदिवसीय खेलने वाले 38 साल के गौतम गंभीर ने इस मौके पर आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) की हाल ही जारी टेस्ट रैंकिंग पर सवाल उठाया। इस रैंकिंग में भारत को हटाकर ऑस्ट्रेलिया पहले स्थान पर आ गया।
उन्होंने कहा, ‘नहीं, मैं आश्चर्यचकित नहीं हूं, क्योंकि मुझे इन सभी रैंकिंग और अंक प्रणाली में विश्वास नहीं है। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में शायद सबसे खराब अंक प्रणाली है। आप घरेलू मैदान पर मैच जीते या विदेशी सरजमीं पर आपको बराबर अंक मिलता है। यह बकवास है।’ (भाषा)