मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क ने कहा कि गेंद को चमकाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले लार पर प्रतिबंध से क्रिकेट ‘काफी उबाऊ’ हो सकता है। स्टार्क ने मंगलवार को कहा कि अगर गेंद और बल्ले के बीच मुकाबले का संतुलन नहीं बना तो खेल का रोमांच खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह भविष्य में तेज गेंदबाजी करने के इच्छुक युवाओं को भी हतोत्साहित करेगा।
उन्होंने ऑनलाइन सम्मेलन में कहा, ‘हम (गेंदबाज) अपने महत्व में कमी और यह एकतरफा मुकाबला (बल्लेबाजों से) नहीं चाहते हैं। ऐसे में कुछ करने की जरूरत है ताकि गेंद स्विंग हो सके।’ उन्होंने कहा, ‘अगर ऐसा नहीं होगा तो लोग क्रिकेट नहीं देखेंगे और बच्चे गेंदबाज नहीं बनना चाहेंगे। ऑस्ट्रेलिया में पिछले कुछ वर्षों में हमारी पिचें सपाट हुई है और अगर गेंद सीधे जाती है तो यह एक बहुत ही उबाऊ प्रतियोगिता होगी।’
पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले की अगुवाई में आईसीसी क्रिकेट समिति ने हाल ही में कोरोना वायरस खतरे से निपटने के लिए लार के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी। स्टार्क को लगता है कि गेंदबाजों को इस समय गेंद को दूसरे तरीके से चमकाने की अनुमति देनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘अभी दुनिया में परिस्थितियां सामान्य नहीं हैं और अगर वे कुछ समय के लिए गेंद पर लार के इस्तेमाल को रोकना चाहते हैं तो उन्हें उस दौरान इस तरह की किसी और चीज की इस्तेमाल के बारे में सोचने की जरूरत है।’ गुलाबी गेंद से सबसे ज्यादा विकेट चटकाने वाले गेंदबाजों में शामिल स्टार्क ने कहा कि वह भारत के खिलाफ आगामी घरेलू श्रृंखला में दिन-रात्रि टेस्ट खेलने का इंतजार कर रहे है।
ऑस्ट्रेलियाई टीम 2015 से दिन-रात्रि टेस्ट खेल रही है लेकिन भारत ने गुलाबी गेंद से सिर्फ एक ही टेस्ट मैच खेला है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा मजबूत होने के सवाल पर 30 साल के स्टार्क ने कहा, ‘भारत ने अपने घर में गुलाबी गेंद से खेला है। ऐसे यह उनके लिए पूरी तरह नया नहीं हैं। जहां तक पलड़े की बात है तो घरेलू मैंचों में गुलाबी गेंद से हमारा रिकॉर्ड शानदार है।’ (भाषा)