मुंबई। बीसीसीआई के भावी अध्यक्ष सौरव गांगुली (दादा) ने सोमवार को कहा कि उनके लिए यह कुछ अच्छा करने का सुनहरा मौका है, क्योंकि वे ऐसे समय में बोर्ड की कमान संभालने जा रहे हैं, जब उसकी छवि काफी खराब हुई है।
गांगुली ने अध्यक्ष पद की होड़ में बृजेश पटेल को पछाड़ दिया है और अब इस पद के लिए वे अकेले उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा कि आपको दोपहर 3 बजे तक इंतजार करना होगा। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर यह बहुत अच्छा अहसास है, क्योंकि मैंने देश के लिए खेला है और कप्तान रहा हूं।
गांगुली ने कहा कि मैं ऐसे समय में कमान संभालने जा रहा हूं, जब पिछले 3 साल से बोर्ड की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। इसकी छवि बहुत खराब हुई है। मेरे लिए यह कुछ अच्छा करने का सुनहरा मौका है। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की देखभाल होगी।
गांगुली का इरादा भारतीय क्रिकेट के सभी पक्षों से मिलने का और वे सारे काम करने का है, जो पिछले 33 महीने में प्रशासकों की समिति नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि पहले मैं सभी से बात करूंगा और फिर फैसला लूंगा। मेरी प्राथमिकता प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की देखभाल करना होगा। मैं 3 साल से सीओए से भी यही कहता आया हूं लेकिन उन्होंने नहीं सुनी। सबसे पहले मैं प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की आर्थिक स्थिति दुरुस्त करूंगा। 'कूलिंग ऑफ' अवधि के कारण उन्हें जुलाई में पद छोड़ना होगा।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 18,000 से अधिक रन बना चुके पूर्व कप्तान ने कहा कि निर्विरोध चुना जाना ही बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि यह विश्व क्रिकेट का सबसे बड़ा संगठन है और जिम्मेदारी तो है ही, चाहे आप निर्विरोध चुने गए हों या नहीं। भारत क्रिकेट की महाशक्ति है तो यह चुनौती भी बड़ी होगी।
यह पूछने पर कि कार्यकाल सिर्फ 9 महीने का होने का क्या उन्हें अफसोस है? उन्होंने कहा कि हां, यही नियम है और हमें इसका पालन करना है। उन्होंने कहा कि जब मैं आया तो मुझे पता नहीं था कि मैं अध्यक्ष बनूंगा। पत्रकारों ने मुझसे पूछा तो मैंने बृजेश का नाम लिया। मुझे बाद में पता चला कि हालात बदल गए हैं। मैंने कभी बीसीसीआई चुनाव नहीं लड़ा तो मुझे नहीं पता कि बोर्ड रूम राजनीति क्या होती है?
गांगुली ने शनिवार को गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। यह पूछने पर कि पश्चिम बंगाल में चुनाव में क्या वे भाजपा के लिए प्रचार करेंगे, उन्होंने 'ना' में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। मुझसे किसी ने कुछ नहीं कहा।
बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया का जिक्र आने पर भावुक हुए गांगुली ने कहा कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि इस पद पर मैं भी काबिज होऊंगा। वे मेरे लिए पितातुल्य थे। बीसीसीआई के कई बेहतरीन अध्यक्ष हुए हैं- श्रीनिवासन, अनुराग जिन्होंने अच्छा काम किया। यह कप्तानी से अलग होगा, यह पूछने पर गांगुली ने कहा कि भारतीय टीम का कप्तान होने से बढ़कर कुछ नहीं।