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क्या धीमी स्ट्राइक-रेट है गिल की दुखती नब्ज? इंटर्व्यू में दिया यह जवाब

हमें फॉलो करें क्या धीमी स्ट्राइक-रेट है गिल की दुखती नब्ज? इंटर्व्यू में दिया यह जवाब
, रविवार, 4 अप्रैल 2021 (23:59 IST)
कोलकाता:भारत के उभरते हुए स्टार खिलाड़ी शुभमन गिल का मानना है कि ‘स्ट्राइक-रेट’ एक तरह से ‘ओवररेटिड’ (जिसे बढ़ाचढ़ा कर पेश किया जाये) चीज है और उनका मानना है कि बल्लेबाज की सबसे मजबूत चीज एक निश्चित बल्लेबाजी शैली के बिना विभिन्न परिस्थितियों में खुद को ढालना होती है।
 
ऑस्ट्रेलिया में भारत को टेस्ट श्रृंखला में मिली ऐतिहासिक जीत में गिल की भूमिका भी अहम रही थी लेकिन उन्होंने अभी तक केवल तीन वनडे खेले हैं और अभी उन्हें टी20 अंतरराष्ट्रीय में पदार्पण करना है।यह युवा अपने धीमे स्ट्राइक रेट की वजह से भले ही अभी टीम की सफेद गेंद की योजना में शामिल नहीं हो लेकिन यह चीज उनके लिये चिंता का विषय नहीं है।
 
कोलकाता नाइट राइडर्स के स्टार बल्लेबाज ने आगामी इंडियन प्रीमियर लीग से पहले पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि स्ट्राइक रेट को एक तरह से बढ़ाचढ़ा कर पेश किया जाता है। ’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘आप किसी स्थिति में खुद को किस तरह से ढालते हो, यह अहम होता है। अगर टीम आपसे 200 के स्ट्राइक रेट से खेलने की उम्मीद करती है तो आपको ऐसा करने योग्य होना चाहिए। अगर टीम आपसे 100 के स्ट्राइक रेट से खेलने की मांग करती है तो आपको ऐसा करने में सक्षम होना चाहिए। यह सिर्फ मैच की परिस्थितियों के अनुरूप ढलने की बात है। ’’
 
गिल ने कहा, ‘‘आपके खेल में एक निश्चित ‘पैटर्न’ नहीं होना चाहिए कि आप केवल एक ही तरह से खेल पाते हो और विभिन्न परिस्थितियों के हिसाब से सांमजस्य नहीं बिठा पाते। ’’आस्ट्रेलिया में शानदार टेस्ट पदार्पण के बाद इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में वह इतना अच्छा नहीं कर सके और सात पारियों में केवल एक अर्धशतक ही जमा सके।
 
गिल ने पिछले साल दिंबसर में आस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम वनडे खेलने के बाद सफेद गेंद का भी कोई मैच नहीं खेला है लेकिन वह ‘गेम टाइम’ (मैच खेलना) को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं हैं।उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इससे कुछ असर नहीं पड़ेगा क्योंकि 11 अप्रैल को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ पहले मैच से पहले हमारे पास काफी दिन हैं। ’’

ज्यादातर युवा क्रिकेटर्स चाहे वह ईशान किशन हो या सूर्यकुमार यादव या फिर राहुल तेवतिया सबकी स्ट्राइक रेट यानि की रन बनाने की गति काफी ज्यादा होती है, जिसको क्रिकेट में स्ट्राइक रेट कहते हैं। 
 
शुभमन गिल की तकनीक और शॉट का चयन बहुत अच्छा है लेकिन स्ट्राइक रेट धीमी होने की वजह से अभी चयनकर्ता उनको सफेद गेंद के क्रिकेट में ज्यादा मौके देने का मन नहीं बना रहे हैं। 
 
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनको टेस्ट मैचों में काफी मौके मिले। उन्होंने अपना सर्वाधिक स्कोर 91 रन अंतिम टेस्ट में बनाया जो ब्रिस्बेन में खेला गया था। इंग्लैंड जब भारत दौरे पर आयी तब भी उनको सिर्फ टेस्ट मैचों में ही आजमाया गया। इंग्लैंड से हुई वनडे सीरीज में वह टीम में तो थे लेकिन एक भी बार अंतिम ग्यारह में जगह नहीं बना पाए।
 
लगभग सभी पूर्व और वर्तमान क्रिकेटर्स शभमन गिल की तारीफ करते नहीं थकते । लेकिन फिलहाल स्ट्राइक रेट उनके करियर का रोड़ा बनी हुई है। आईपीएल 2020 के 14 मैचों में उन्होंने 440 रन बनाए थे लेकिन स्ट्राइक रेट महज 117 का था जो टी-20 क्रिकेट के हिसाब से कम है। 
 
वैसे शुभमन गिल आगे चलकर अपनी इस कमजोरी पर काम कर सकते हैं या फिर पुजारा की तरह सिर्फ एक प्रारुप में ध्यान देकर एक क्लासिक टेस्ट बल्लेबाज बन सकते हैं।

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