Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

रास्तेभर रोते रहे सचिन तेंदुलकर जब बस से घर जाने के पैसे भी नहीं थे

हमें फॉलो करें रास्तेभर रोते रहे सचिन तेंदुलकर जब बस से घर जाने के पैसे भी नहीं थे
, सोमवार, 24 अप्रैल 2023 (14:30 IST)
Sachin Tendulkar's Birthday:  कई कामयाब हस्तियों ने गुरबत में भी दिन गुजारे होते हैं लेकिन लोग हमेशा उनकी उन्नति को देखते हैं, उस तपस्या को कभी याद नहीं करते जो उन्होंने की होती है। यह भी जगजाहिर है कि बहुत कम लोग होते हैं जो उस दर्द को बयां करने का हौसला रखते है। ऐसा ही एक दर्द सचिन तेंदुलकर के साथ भी जुड़ा है, जो उन्होंने ऑटोबायग्राफी में लिखा है।
 
चूंकि सचिन तेंदुलकर का 24 अप्रैल को 50वां जन्मदिन है, लिहाजा पुराने प्रसंग को याद करना लाजमी है.. यह किस्सा 35 बरस पुराना है, जब सचिन की उम्र केवल 12 साल की थी। इस उम्र में उन्हें बड़ा पाव के साथ फास्ट फूड खाना भी पसंद था, जैसा कि इस उम्र के हरेक बच्चे में होता है, लेकिन यही फास्ट फूड खाना उन्हें इतना महंगा पड़ा कि बाद में आंखों से आंसू बह निकले।
 
सचिन तेंदुलकर ने अपने बचपन का यह वाकिया अपनी ऑटोबायग्राफी ‘प्लेइंग इट माय वे’ में बयां किया है। सचिन कहते हैं कि 1985 में जब मैं 12 साल की उम्र में मुंबई की ओर से अंडर-15 मैच खेलने के लिए पुणे गया था। पिताजी ने जेब खर्च के लिए 95 रुपए दिए थे। कुछ पैसे एक सप्ताह तक यात्रा भत्ते के रुप में मिलने वाले थे। पुणे में मैं एक ही मैच खेला और उसमें भी रन आउट हो गया।
 
सचिन के अनुसार अगले कुछ दिन बारिश होती रही और मुझे दोबारा खेलने का मौका नहीं मिला। इस तरह मुझे अंडर-15 वेस्टजोन की टीम में भी नहीं चुना गया। एक तो टीम में न चुने जाने का मुझे दु:ख था और पैसे भी खत्म हो गए थे क्योंकि मैंने तमाम रुपए नाश्ते और फास्ट फूड खाने में उड़ा दिए थे।
webdunia
सचिन कहते हैं कि जब मैं दादर स्टेशन पहुंचा, तो मेरे इतने भी पैसे नहीं थे कि मैं बस का टिकट खरीदकर घर तक जा सकूं। मैंने अपने 2 बड़े बैग उठाए और पैदल ही शिवाजी पार्क में अंकल के घर की ओर चल पड़ा। पूरे रास्ते भर मैं रोता रहा।

जब अंकल के घर पहुंचा तो आंटी ने मुझे दु:खी देखा। उन्होंने वजह पूछी लेकिन मैं उन्हें ज्यादा कुछ बता नहीं सका, बस इतना ही कहा कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है। फास्ट फूड खाने में जो पैसे मैंने खर्च कर दिए थे, नहीं जानता था कि उसकी कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी...12 साल की उम्र में कहां इतनी समझ रहती है...

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आदर्श से ज्यादा युवराज के लिए अभिभावक हैं सचिन, कैंसर के दौरान ऐसे रखा था ध्यान