अहमदाबाद:इस मैच के मायने भारत के लिए काफी ज्यादा थे। पहला तो यह कि भारत का यह 1000वां वनडे मैच था दूसरा यह कि रोहित शर्मा एक फुलटाइम कप्तान के तौर पर आज अपनी वनडे की पारी शुरु करने वाले थे।रोहित शर्मा के लिए यह मैच शुरुआत से ही भाग्यशाली रहा। भारत के1000वें वनडे में रोहित ने टॉस जीता इसके बाद कप्तानी और सही डीआरएस के फैसले और गेंदबाजों के समर्थन से इंडीज को 176 रनों पर समेटा।
कप्तान रोहित के बाद बल्लेबाज रोहित ने भी कमाल की बल्लेबाजी की। रोहित शर्मा ने 51 गेंदो में 10 चौके और 1 छक्के की मदद से 60 रन बनाए।भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने वेस्ट इंडीज से पहला वनडे रविवार को छह विकेट से जीतने का श्रेय गेंदबाजों को देते हुए कहा कि भारतीय गेंदबाजी काफी सराहनीय थी।
रोहित ने मैच के बाद कहा,'सच कहूं तो आज कई मौक़ों पर हमने अच्छा खेल दिखाया। हम हर मैच में बेहतर होना चाहते हैं। हम अपनी योजनाओं पर टिके रहे और मुझे बहुत ख़ुशी हुई। हम गेंद के साथ अधिक दबाव बना सकते थे और बल्लेबाज़ी के दौरान अपनी विकेट बचाकर जीत सकते थे। हम इन मामलों में बेहतर होना चाहेंगे। लेकिन जिस तरह से हमने गेंदबाज़ी की, वह बहुत सराहनीय था।'
कप्तान ने कहा,'एक टीम के रूप में हम हर मैच में बेहतर होना चाहते हैं। अगर टीम चाहती है कि हम कुछ बदलाव करें तो हम उससे कतराएंगे नहीं। वनडे क्रिकेट में हमने पिछले कुछ समय में अच्छा किया है और मैं खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन करने की चुनौती देना चाहता हूं। मैंने दो महीनों से क्रिकेट नहीं खेला है लेकिन मैं घर पर तैयारी कर रहा था। बल्लेबाज़ के तौर पर आपको लय पकड़नी होती है और अभ्यास सत्र के बाद मुझे आत्मविश्वास था कि मैं अच्छा खेल दिखाऊंगा। इस पिच पर गेंदबाज़ों के लिए मदद थी इसलिए इस मैच में टॉस बहुत महत्वपूर्ण था। भारत में होने वाले मैचों में आपको अच्छा खेल दिखाना होता है। अगर आप वैसा करेंगे तो आप किसी भी टीम को हरा सकते हैं। हम टॉस पर अधिक निर्भर नहीं होना चाहते हैं।'
अपनी शानदार गेंदबाजी से प्लेयर ऑफ द मैच बने लेग स्पिनर युज़वेंद्र चहल ने कहा,' जब वॉशिंगटन ने एक ओवर में दो विकेट लिए तब मुझे पता था कि दबाव बल्लेबाज़ों पर हैं। मुझे पता था कि इस पिच पर गेंद घूम रही थी और मैं आगे गेंदबाज़ी कर सकता था। मैंने विराट भैया और रोहित भैया से बात की और अपनी लाइन और गति में बदलाव किया। मैं पिच के हिसाब से अपनी गेंदबाज़ी में बदलाव करता हूं। दक्षिण अफ़्रीका से वापस आने के बाद मैंने हर मैच को तीन-चार बार देखा कि मैं कहां ग़लतियां कर रहा था और मैंने द्रविड़ सर और पारस महाम्ब्रे सर से भी बात की। वेस्टइंडीज़ के सात-आठ विकेट गिर चुके थे और वह बड़े शॉट लगाने को देख रहे थे। इसलिए मैं रनों पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रहा था।'
चुनौतियां थीं, लेकिन मेरा लक्ष्य बतौर खिलाड़ी सुधार करते रहना था: वाशिंगटन सुंदर
वाशिंगटन सुंदर को ऊंगली की चोट के कारण पांच महीने क्रिकेट से दूर रहना पड़ा लेकिन तमिलनाडु के इस स्पिनर ने स्वीकार किया कि उन्होंने इस समय का इस्तेमाल खुद को बेहतर करने में किया क्योंकि बतौर खिलाड़ी यही उनके हाथ में था।
वाशिंगटन इसके कारण टी20 विश्व कप में भी नहीं खेल सके लेकिन रविचंद्रन अश्विन के सफेद गेंद के खेल में निराशाजनक प्रदर्शन और उनके बाहर किये जाने के बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय वापसी की और वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले वनडे में 30 रन देकर तीन विकेट चटकाये।
वाशिंगटन ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, काफी सारी चुनौतियां थीं लेकिन मैं बतौर क्रिकेटर खुद में सुधार करने के लिये जो कुछ कर सकता था, वह करना चाहता था। यही मेरे हाथ में था और मैं इसी पर ध्यान लगाये था।
वाशिंगटन पिछले दो वर्षों में समझ चुके हैं कि परेशानियां आती रहेंगी लेकिन उन्हें इनसे निपटने के लिये तरीका निकालना होगा। टी20 विश्व कप के बाद कोविड-19 के कारण दक्षिण अफ्रीका की फ्लाइट चूकने वाले इस खिलाड़ी ने कहा, हां, चुनौती हमेशा बनी रहेंगी, पिछले दो वर्षों में विशेषकर मैंने यही महसूस किया है।
इस युवा स्पिनर ने कहा, लेकिन मायने यही रखता है कि मैं खुद को कैसे आगे बढ़ाता हूं, खुद को सुधार करते रहना अहम है। मैंने इस पर ध्यान लगाने की कोशिश की।