भारतीय बल्लेबाज रिंकू सिंह ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में मुश्किल परिस्थितियों में खेली गयी पारी के दौरान संयम बनाये रखने के लिए पूर्व कप्तान एमएस धोनी को श्रेय दिया।रिंकू ने गुरूवार को फिनिशर की भूमिका बखूबी निभाते हुए अंतिम ओवर में विजयी रन लिया और भारत को दो विकेट से जीत दिलायी।
BCCI (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के गुरूवार को जीत के बाद के एक वीडियो में रिंकू ने कहा, जहां तक सयंमित बने रहने के राज की बात है तो मैंने माही (धोनी) भाई से चर्चा की थी कि वह संयमित बने रहने के लिए क्या करते हैं, विशेषकर अंतिम ओवर में।
रिंकू ने हालांकि धोनी के साथ बातचीत के बारे में विस्तार से नहीं बताया, उन्होंने कहा, उन्होंने (धोनी ने) मुझे कहा था कि जहां तक संभव हो शांत बने रहने की कोशिश करो और सीधे गेंदबाज को देखने की कोशिश करो। मैंने इसी तरह मैच में संयम बनाये रखने की कोशिश की।
आस्ट्रेलिया के खिलाफ 209 रन के कठिन लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत का स्कोर 15वें ओवर में चार विकेट पर 154 रन पर था जब रिंकू क्रीज पर उतरे।
कप्तान सूर्यकुमार यादव दूसरे छोर पर थे। रिंकू ने धैर्य बनाये रखा और उन्होंने स्ट्राइक रोटेट करके स्मार्ट क्रिकेट खेला और ढीली गेंदों की धुनाई की।
उत्तर प्रदेश के 26 साल के इस बल्लेबाज ने 14 गेंद में नाबाद 22 रन बनाये जिसमें चार चौके शामिल थे।उन्होंने कहा, जीतकर अच्छा महसूस हुआ। जब मैं बल्लेबाजी के लिए उतरा तो मेरा एक ही लक्ष्य था मैं अच्छा खेलूं और सूर्यकुमार के साथ खेलना अच्छा लगा। मैं मुश्किल परिस्थितियों में जो आमतौर पर करता हूं, वही करने और जहां तक संभव हो शांत रहने की कोशिश कर रहा था।
भारत को जब एक रन की दरकार थी तब रिंकू ने सीन एबोट की गेंद को छक्के के लिए भेज दिया। लेकिन यह नोबॉल रही इसलिये यह छक्का मान्य नहीं हुआ और भारत ने जीत हासिल कर ली।
उन्होंने कहा, मुझे तब तक पता नहीं चला कि यह नोबॉल थी जब तक ड्रेसिंग रूम में अक्षर भाई से इसके बारे में नहीं सुना। छक्का हालांकि मान्य नहीं रहा, लेकिन हम मैच जीत गये थे इसलिये यह मायने नहीं रखता। (भाषा)