नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने बोर्ड का संचालन देख रही प्रशासकों की समिति (सीओए) को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि पूर्व क्रिकेटरों की पेंशन में वृद्धि की जाए।
खन्ना ने सीओए को एक पत्र लिखकर कहा कि मेरे पास कई पूर्व क्रिकेटरों के ई-मेल के जरिए पत्र आए हैं जिन्होंने पेंशन राशि में वृद्धि की मांग की है। ये वे क्रिकेटर हैं, जो 2003 से पहले खेले थे और रिटायर हो गए थे।
कार्यवाहक अध्यक्ष ने अपने पत्र में कुछ ऐसे क्रिकेटरों के नामों का उल्लेख किया है जिन्होंने पेंशन में वृद्धि की मांग की है। इन क्रिकेटरों में मध्यप्रदेश के संजय जगदाले, बिहार और पश्चिम बंगाल के माइक दल्वी, बिहार, दिल्ली और पंजाब के दलजीत सिंह, दिल्ली के विनय लांबा और आशु दानी, रेलवे के के. भर्तन, कर्नाटक के बी. रघुनाथ और अरुण कुमार, तमिलनाडु के पी. मुकुंद, जम्मू-कश्मीर के अब्दुल राउफ, सेना और मध्यप्रदेश के डीडी देशपांडे और उत्तरप्रदेश के अशोक भांबी शामिल हैं।
खन्ना ने बताया कि इन क्रिकेटरों ने अपने ई-मेल में कहा है कि बढ़ती महंगाई और उनकी अपनी मौजूदा स्थिति के चलते वर्तमान पेंशन राशि से उनके लिए गुजारा करना मुश्किल है इसलिए उनकी पेंशन राशि में वृद्धि की जाए।
इन क्रिकेटरों ने लिखा है कि पूर्व भारतीय टेस्ट क्रिकेटरों के निधन के बाद उनकी पत्नियों को उनके जीवनकाल के दौरान पेंशन मिलती है लेकिन प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों के मामले में ऐसा नहीं है। ऐसे क्रिकेटरों के निधन के बाद उनकी पत्नियों को कोई पेंशन नहीं मिलती है। इन क्रिकेटरों ने इस मामले में समानता का आग्रह किया है।
इन क्रिकेटरों ने लिखा है कि 75 या उससे अधिक प्रथम श्रेणी मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को एकमुश्त लाभ दिया गया था लेकिन जिन्होंने 75 से कम मैच खेले हैं और उन्हें भी इस तरह का लाभ मिलना चाहिए। खन्ना ने सीओए से पेंशन में 50 फीसदी वृद्धि करने का प्रस्ताव दिया है।
मौजूदा समय में 25 से 49 रणजी मैच खेलने वालों को 15,000 रुपए प्रतिमाह, 50 से 74 मैच वालों को 22,500 प्रतिमाह, 75 से अधिक मैच खेलने वालों को 30,000 प्रतिमाह और 5 टेस्ट से कम मैच खेलने वालों को 37,500 रुपए प्रतिमाह की पेंशन मिलती है।