पिछले सप्ताह में काफी परिपक्व हो गया हूं : रवि शास्त्री

Webdunia
बुधवार, 19 जुलाई 2017 (19:30 IST)
मुंबई। भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री का मानना है कि पिछले दो सप्ताह में वे काफी परिपक्व हुए हैं, जिस दौरान काफी नाटकीय घटनाक्रम के बाद उन्हें यह पद सौंपा गया था। शास्त्री ने कहा कि वे बीती बातों को भूल चुके हैं। उन्होंने कहा, मैं अतीत की बातें लेकर नहीं आया हूं। टीम ने पिछले तीन साल में बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
 
पद संभालने के बाद पहली प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में भारत के पूर्व टीम निदेशक ने आगे की चुनौतियों के बारे में बात की, जिनमें 26 जुलाई से शुरू हो रहा तीन टेस्ट, पांच वनडे और एक टी20 मैच के लिए  श्रीलंका का दौरा शामिल है।
 
शास्त्री ने श्रीलंका रवाना होने से पहले कहा, श्रीलंका के पिछले दौरे से लेकर अब तक मैं काफी परिपक्व हुआ हूं। पिछले दो सप्ताह में मैं काफी परिपक्व हो गया हूं। शास्त्री को वीरेंद्र सहवाग और टाम मूडी पर तरजीह देकर कोच चुना गया था। एक साल पहले उनकी जगह अनिल कुंबले को तरजीह दी गई थी, लेकिन बाद में कप्तान विराट कोहली से मतभेदों के चलते कुंबले ने पद छोड़ दिया।
 
शास्त्री ने कहा कि वे बीती बातों को भूल चुके हैं। उन्होंने कहा, मैं अतीत की बातें लेकर नहीं आया हूं। टीम ने पिछले तीन साल में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। टीम इसके लिए  प्रशंसा की हकदार है। रवि शास्त्री और अनिल कुंबले आते-जाते रहेंगे। यदि भारत बुधवार को नंबर एक टेस्ट टीम है तो इसका श्रेय खिलाड़ियों को जाता है। 
 
शास्त्री के पसंदीदा भरत अरुण को कल फिर से गेंदबाजी कोच बनाया गया। अरुण के योगदान के बारे में उन्होंने कहा, इसका ट्रैक रिकॉर्ड है। वे 15 साल से कोच हैं और ए टीमों, अंडर 19 टीमों, जूनियर विश्व कप टीमों के साथ रह चुके हैं। वे मुझसे ज्यादा खिलाड़ियों को जानते हैं।
 
शास्त्री ने कहा, 2015 विश्व कप में हमारे गेंदबाजों ने 80 में से 77 विकेट लिए। मुझे यह बताने की जरूरत नहीं कि उसकी काबिलियत क्या है। सभी ने यह देखा है। उन्होंने कप्तान और सहयोगी स्टाफ के बीच संवाद के महत्व पर भी जोर दिया।
 
उन्होंने कहा, मैं दो भागों में इसका उत्तर दूंगा। एक खिलाड़ी के रूप में और एक पूर्व कप्तान के रूप में। जब आप खेलते हैं तो आप चाहते हैं कि आपका दिमाग स्पष्ट रहे और यह सहयोगी स्टाफ के साथ अच्छे संवाद से आता है। बतौर कप्तान मेरा काम हर खिलाड़ी को यही माहौल देना है। यह मेरा काम है और वह उसका काम है। (भाषा)
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