मुंबई: भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने टेस्ट और सीमित ओवरों के क्रिकेट में अलग अलग कप्तान रखने का समर्थन करते हुए कहा कि यही सही तरीका है। विराट कोहली भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान हैं जबकि रोहित शर्मा टी20 और वनडे टीम के कप्तान बनाये गए हैं।
शास्त्री ने स्टार स्पोटर्स के शो बोल्डएंड ब्रेव : द शास्त्री वे में कहा , मुझे लगता है कि यह तरीका सही है। यह विराट और रोहित दोनों के लिये अच्छा होगा क्योंकि पता नहीं है कि कब तक बायो बबल की जिंदगी जीनी पड़ेगी। एक व्यक्ति अकेले नहीं संभाल सकता । यह आसान नहीं है ।
शास्त्री ने कहा कि वह रोहित को बतौर सलामी बल्लेबाज स्थापित करना चाहते थे। उन्होंने कहा , मैं जो करना चाहता था, वह मेरे दिमाग में साफ था। मुझे लगता था कि बतौर बल्लेबाज उससे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं करा सका तो एक कोच के तौर पर यह मेरी नाकामी होगी क्योंकि वह अपार प्रतिभाशाली है।
भारत के लिये 80 टेस्ट खेल चुके शास्त्री ने कोहली से अपने संबंधों के बारे में कहा , हम दोनों काफी आक्रामक हैं और जीत के लिये ही खेलना चाहते हैं। हमें बहुत जल्दी अहसास हुआ कि जीतने के लिये 20 विकेट लेने होते हैं और हमने आक्रामक तथा निर्भीक क्रिकेट खेलने का फैसला किया।उन्होंने कहा , इसमें कई बार हार भी मिलती है लेकिन एक बार पड़ जाये तो यह आदत संक्रामक है।
गौरतलब है कि जबसे विराट कोहली को वनडे की कप्तानी से हटाया गया था। तब से बीसीसीआई और टेस्ट कप्तान विराट में तलवारें खिंच गई थी। ऐसे में रवि शास्त्री के इस बयान से ऐसा माना जा सकता है कि वह बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के पक्ष में बोल रहे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि पूर्व कोच रवि शास्त्री की पूर्व कप्तान और वर्तमान बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गागंली की कभी आपस में नहीं पटी। दोनों के बीच में एक तकरार ही रही लेकिन फिर भी आज शास्त्री उस बयान के पक्ष में है जो कोहली को वनडे की कप्तानी छीनते वक्त गांगुली ने दिया था।
यह बात भी किसी से छुपी नहीं है कि रवि शास्त्री कोच विराट कोहली की ही पसंद से बने हैं। रवि शास्त्री 2007 के विश्व कप में पहली बार बतौर मैनेजर टीम इंडिया के साथ गए थे। ग्रेग चैपल युग खत्म होने के बाद उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम का डायेक्टर बना दिया। यह एक नया पद था। 2016 में डंकन फ्लेचर की रवानगी के बाद कुंबले कोच बने जबकि 2017 के बाद से कप्तान कोहली की पहली पसंद रहे रवि शास्त्री टी-20 विश्वकप 2021 के बाद कोच पद से निवृत्त हुए हैं।
जब सौरव ने शास्त्री पर कसा था तंज
2007 के विश्व कप में रवि शास्त्री टीम के मैनेजर थे। उन्होंने सभी को सुबह 9 बजे बस में इकठ्ठा होने को कहा। टीम के सभी खिलाड़ी तय समय पर बस में सवार हो चुके थे, सिवाय सौरव गांगुली के। शास्त्री ने बस ड्राइवर को गाड़ी आगे बढ़ाने का आदेश दिया। बाद में गांगुली किसी तरह मैदान पर पहुंचे।
सौरव गांगुली उस बात को नहीं भूले थे कि शास्त्री ने उनका इंतजार किए बिना बस चलवा दी थी। गांगुली को जब मौका मिला तब उन्होंने अपनी खुन्नस भी निकाली। गांगुली ने कहा कि शास्त्री को 'ब्रेक फास्ट' शो में मत बुलाया करो। शाम के शो में बुलाया करो क्योंकि रात को वे...जो करते हैं, उसकी खुमारी सुबह तक रहती है।