नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का संचालन कर रही प्रशासकों की समिति (सीओए) ने शुक्रवार को भरोसा दिलाया कि अगले सत्र से पूर्वात्तर के छह राज्यों को अलग अलग टीमों के तौर पर रणजी ट्राफी में हिस्सा लेने का मौका दिया जाएगा।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त सीओए ने बीसीसीआई के खेल विकास विभाग के रत्नाकर शेट्टी को इन मैचों के संचालन का जिम्मा सौंपा है। सीओए ने कहा कि पूर्वात्तर के सभी छह राज्य अलग अलग ईकाइयों के तौर पर रणजी टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे।
मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम, नागालैंड, अरूणाचल प्रदेश सभी राज्यों ने सीओए का नेतृत्व कर रहे विनोद राय के साथ एक पूर्वात्तर इकाई के तौर पर बैठक की थी। हालांकि उन्हें अगले सत्र से छह अलग टीमों के तौर पर टूर्नामेंट में हिस्सा लेने का भरोसा दिया गया है।
राय ने इस बीच साफ किया कि सर्वोच्च अदालत द्वारा पूर्वात्तर राज्यों के दर्जे को लेकर निर्णय सुनाए जाने के बाद इन्हें अगले रणजी सत्र में अलग अलग टीमों के तौर पर खेलने का मौका दिया जाएगा।
राय ने सीओए की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा 'सर्वोच्च अदालत के पूर्वाेत्तर राज्यों की सदस्यता को लेकर निर्णय सुनाए जाने के बाद सभी राज्य रणजी ट्रॉफी में अलग अलग टीम के तौर पर हिस्सा लेने के हकदार होंगे।'
इसके अलावा सीओए ने निर्णय किया है कि विनोद मांकड़ अंडर-16 राष्ट्रीय चैंपियनशिप, सीके नायडु अंडर-23 क्रिकेट टूर्नामेंटों के अलग पूर्वोत्तर जोन होंगे। अंडर-16 और अंडर-23 बीसीसीआई टूर्नामेंट भी जोन के आधार पर होंगे जबकि असम और त्रिपुरा पूर्वी क्षेत्र में खेलेंगे जबकि पूर्वात्तर के लिए एक अलग जोन बनाया जाएगा। हर जोन से दो शीर्ष टीमों को नॉकआउट के लिए क्वालीफाई करने का मौका मिलेगा।
जूनियर क्रिकेट को लेकर राय ने कहा कि जूनियर क्रिकेट पहले ही उम्र के हिसाब से विभिन्न वर्गों में बांटा जा चुका है। लेकिन कूच बिहार अंडर-19 क्रिकेट के कार्यक्रम को तय किया जाना है। उन्होंने कहा सौरव गांगुली की अध्यक्षता वाली तकनीकी समिति इस बाबत निर्णय लेगी।' (वार्ता)