इंदौर। होलकर स्टेडियम 22 दिसम्बर को भारत श्रीलंका टी20 मैच के बाद एक बार फिर क्रिकेटप्रेमियों से आबाद हो गया। करीब 2000 हजार दर्शकों के बीच शुक्रवार को ध्रुव शौरी (नाबाद 123) और हिम्मत सिंह (66) की बेशकीमती पारियों ने दिल्ली को शुरुआती झटकों से उबारते हुए पहली बार रणजी ट्रॉफी फाइनल खेल रही विदर्भ के खिलाफ मैच के पहले दिन संभाल लिया। दिन के खेल की समाप्ति तक दिल्ली ने 88 ओवर में 6 विकेट पर 271 रन बना लिए थे।
रणजी ट्रॉफी के खिताबी मुकाबले में पहली बार पहुंच इतिहास रचने वाली विदर्भ ने टॉस जीतकर दिल्ली को पहले बल्लेबाजी का मौका दिया और अपने गेंदबाजों के हमले से अपने इस फैसले को सही भी साबित कर दिया। हालांकि फिर शौरी और हिम्मत ने हिम्मत दिखाते हुए दिन की समाप्ति तक 88 ओवर में दिल्ली को छह विकेट पर 271 रन तक पहुंचाया।
दिन की समाप्ति से ठीक पहले सेमीफाइनल में विदर्भ के हीरो रहे रजनीश गुरबानी ने हिम्मत का अहम विकेट निकाल उनकी और शौरी की 105 रन की शतकीय साझेदारी पर ब्रेक लगा दिया। वहीं सिद्धेश नेराल ने मनन शर्मा को दिन के आखिरी और दिल्ली के छठे बल्लेबाज के रूप में आउट किया। फिलहाल ध्रुव (123) और विकास मिश्रा (5) क्रीज पर हैं और दिल्ली के चार विकेट शेष हैं।
सात बार की चैंपियन और 15वीं बार फाइनल में खेलने उतरी अनुभवी दिल्ली की शुरूआत काफी खराब रही और उसने एक रन पर ओपनर क्रुणाल चंदीला(शून्य) का विकेट गंवा दिया तथा केवल 99 रन तक अपने चार विकेट खोकर पूरी तरह दबाव में आ गई।
पूर्व कप्तान और अनुभवी बल्लेबाज़ गौतम गंभीर भी खिताबी मुकाबले में फ्लाप रहे और 38 गेंदों में तीन चौके लगाकर वह केवल 15 रन ही जोड़ पाए। चंदीला को पदार्पण कर रहे 19 साल के आदित्य ठाकरे ने कप्तान फैज फैजल के हाथों कैच कराकर अपना पहला प्रथम श्रेणी विकेट निकाला। गंभीर को अक्षय वखारे ने बोल्ड किया और दोनों ओपनर 30 रन पर पैवेलियन लौट गए।
तीसरे नंबर पर उतरे ध्रुव ने फिर एक छोर संभालते हुए अपना शतक पूरा किया और नाबाद क्रीज से लौटे। उन्होंने 256 गेंदों में 17 चौके लगाकर नाबाद 123 रन बनाए, जो उनका प्रथम श्रेणी में तीसरा शतक है तथा यह उनका करियर में सर्वाधिक स्कोर भी है। इससे पहले उनका प्रथम श्रेणी में सर्वाधिक स्कोर नाबाद 107 रन था।
नीतीश राणा ने 44 गेंदों की पारी में दो चौके और एक छक्का लगाकर 21 रन बनाए और ठाकरे ने उन्हें पगबाधा कर मैच में अपना दूसरा विकेट हासिल किया। दूसरे छोर पर विकेट गिरने का सिलसिला चलता रहा और दिल्ली ने कप्तान रिषभ पंत के रूप में 99 के स्कोर पर अपना चौथा विकेट भी जल्द गंवा दिया।
पंत 21 रन बनाकर गुरबानी का शिकार बने। पंत ने 36 गेंदों की पारी में तीन चौके लगाए और गुरबानी ने उन्हें विकेटकीपर अक्षय वादकर के हाथों विकेट के पीछे कैच करा दिया। लेकिन फिर छठे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए हिम्मत ने शौरी का बखूबी साथ देते हुए अर्धशतक बनाया और 99 रन पर चार विकेट से निकालकर दिल्ली को 204 के स्कोर तक ले गए।
हिम्मत ने 72 गेंदों की पारी में आठ चौके और दो छक्के लगाकर 66 रन बनाए और पांचवें विकेट के लिए 105 रन की शतकीय साझेदारी से दिल्ली को संभाला। दिन के खेल की समाप्ति से कुछ देर पहले फिर गुरबानी ने इस साझेदारी को तोड़ते हुए हिम्मत को विकेट के पीछे वादकर के हाथों कैच कराकर दिल्ली का पांचवां विकेट निकाल लिया। वहीं नेराल ने विदर्भ के कप्तान फैज फैजल के हाथों मनन को कैच कराकर छठा विकेट भी निकाल लिया।
मनन ने 42 गेंदों की पारी में तीन चौके लगाकर 13 रन बनाए। विदर्भ की तरफ से आदित्य ठाकरे ने अपने पदार्पण मैच में प्रभावित किया और 65 रन पर दो विकेट तथा गुरबानी ने 44 रन पर दो विकेट निकाले। नेराल ने 57 रन और वखारे ने 34 रन देकर दिल्ली का एक-एक विकेट हासिल किया।
क्रिकेटरों के परिवार भी होलकर स्टेडियम में : इस मैच को देखने के लिए इंटरनेशनल क्रिकेटर करण शर्मा के माता-पिता और बेटी भी दर्शकों में मौजूद थे। यही नहीं विदर्भ टीम के कप्तान फैज फजल की पत्नी और उनके माता-पिता भी आए हुए हैं।
पहले दिन नाबाद शतक (123) लगाने वाले ध्रुव शौरी के परिवार ने भी मैच देखा। इस मैच के लिए विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष जायसवाल, और क्रिकेट डेवलपमेंट कमेटी के चेयरमैन प्रशांत वैद्य को भी पैवेलियन की पहली मंजिल से मैच के नजारे देखते हुए देखा गया।