भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे मैच में सबसे ज्यादा तारीफ हुई स्मृति मंधाना की जिन्होंने 216 गेंदो में 127 रनों की पारी खेली जिसमें 22 चौके और 1 छक्का शामिल था। हालांकि स्मृति के खेल के बाद एक और खिलाड़ी है जिसकी खेल भावना की तारीफ हो रही है वह है पूनम राउत।
मंधाना के साथ रिकॉर्ड 102 रनों की शतकीय साझेदारी करने वाली पूनम राउत 165 गेंदो में 36 रन बनाकर पवैलियन रवाना हो गई। जब टीम का स्कोर 217 रन था तब मोलुनेक्स ने भारतीय पारी का 81वां ओवर डाला। गेंद पूनम के बल्ले के पास से निकलते हुए विकेटकीपर तक पहुंची।
इस पर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने हल्की सी अपील की। इस अपील में खुद ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को आत्मविश्वास नहीं हो रहा था। अंपायर ने भी इसे आउट नहीं दिया था।
लेकिन ऐसे में पूनम राउत ने बल्ला कांख में दबाया और पवैलियन की राह पकड़ ली। पूनम के इस कदम की सोशल मीडिया पर काफी तारीफ हो रही है। पूनम चाहती तो क्रीज पर टिकी रहती लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और इमानदारी से खुद को आउट मान लिया।पूनम राउत ने 165 गेंदों में दो चौकों के सहारे 36 रन बनाये और उनका विकेट टीम के 217 के स्कोर पर गिरा।
पूनम ने पवेलियन लौटकर काफी सम्मान हासिल किया : मंधाना
भारत की स्टार बल्लेबाज स्मृति मंधाना शुक्रवार को आस्ट्रेलिया के खिलाफ दिन-रात्रि टेस्ट के दूसरे दिन पूनम राउत के मैदानी अंपायर के फैसले का इंतजार किये बिना ही क्रीज छोड़कर चलना शुरू करने के फैसले से हैरान हो गयी थीं लेकिन उनका कहना था कि इससे उन्होंने साथी खिलाड़ियों से काफी सम्मान हासिल किया।
राउत ने विकेट के पीछे लपकने की अपील के बाद पवेलियन की ओर चलना शुरू कर दिया था जबकि अंपायर ने एलिसा हीली और मेग लैनिंग की अपील को तवज्जो नहीं दी थी। श्रृंखला में डीआरएस नहीं है तो आस्ट्रेलियाई टीम नॉट आउट के फैसले की समीक्षा नहीं करवा पाती।राउत की इस कदम ने सोशल मीडिया पर खेल भावना पर बहस तेज कर दी जिसमें राय काफी विभाजित थीं।
आस्ट्रेलिया में शतक जड़ने वाली पहली महिला बनीं मंधाना ने कहा, हमारी पहली प्रतिक्रिया थी, ओह, उसने ऐसा क्यों किया, क्या गेंद बल्ले को छू गयी थी? लेकिन हां, हम इसका काफी सम्मान करते हैं। उसने वास्तव में पवेलियन लौटकर काफी सम्मान हासिल किया।
मंधाना ने कहा, मैं नहीं जानती कि इस समय क्रिकेट में पुरूष या महिला क्रिकेट में कितने लोग वास्तव में ऐसा करते हैं और जब कोई डीआरएस भी नहीं हो। लोग इसलिये क्रीज छोड़ देते हैं क्योंकि डीआरएस होता है, लेकिन जब डीआरएस नहीं हो, तब ऐसा करना - मैं नहीं जानती कि कितने लोगों ने ऐसा किया होगा। निश्चित रूप से उसने ऐसा करके हम सभी से काफी सम्मान हासिल किया।
चार दिवसीय मैच में बारिश के कारण काफी समय खराब हो चुका है जिसमें भारत ने दूसरे दिन स्टंप तक पांच विकेट पर 276 रन बना लिये थे।
मंधाना ने कहा कि उनकी टीम अब भी पारी घोषित करने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने कहा, वास्तव में यह योजना बनाना काफी मुश्किल है क्योंकि बारिश ने आज और कल बहुत अहम भूमिका निभायी।
उन्होंने कहा, हमने चार में से कम से पूरे एक दिन का खेल गंवा दिया है। और हमने अंतिम (घंटे) में दो विकेट गंवा दिये, इसलिये कल सुबह हमें पारी को मजबूत करना शुरू करना होगा। इसके बाद हमारे पास बड़ा स्कोर होगा तो हम पारी घोषित कर सकते हैं।
मंधाना ने 127 रन की पारी खेलकर दौरा करने वाली बल्लेबाज के तौर पर सबसे बड़ा स्कोर बनाया और 72 साल पुराना रिकार्ड तोड़ दिया।
उन्होंने कहा, 70 साल पुराना रिकार्ड तोड़ना काफी विशेष रहा, मुझे नहीं लगता कि मैंने कभी भी अपनी जिंदगी में ऐसा कुछ किया है। मैं खुश हूं कि मैं टीम के लिये इस तरह की नींव रख सकी। मंधाना ने कहा, व्यक्तिगत उपलब्धि बन जायेगी, लेकिन टीम जिस स्थिति में हैं, उससे मैं ज्यादा खुश हूं।