नई दिल्ली। पाकिस्तान के कलंकित तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ ने कहा है कि स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने वाला वह न तो पहला खिलाड़ी है और न ही आखिरी लिहाजा क्रिकेट बोर्ड को उसके साथ बेहतर बर्ताव करके दूसरों की तरह एक मौका और देना चाहिए था।
आसिफ पर पाकिस्तान टीम के 2010 के इंग्लैंड दौरे पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों के कारण सात साल का प्रतिबंध लगाया गया था। वह ब्रिटेन में जेल में भी रहा। आसिफ ने कहा, ‘हर कोई गलती करता है और मैने भी की।
मुझसे पहले और बाद में भी लोगों ने फिक्सिंग की लेकिन मुझसे पहले करने वाले पीसीबी के साथ काम कर रहे हैं और मेरे बाद वाले अभी भी खेल रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘हर किसी को दूसरा मौका दिया गया लेकिन मेरे जैसे कुछ को वह नहीं मिला। पीसीबी ने मुझे बचाने की कभी कोशिश नहीं की जबकि मैं ऐसा गेंदबाज था जिसे दुनिया भर में सम्मान हासिल था।’ (भाषा)