Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

पर्थ टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया 'ड्राइविंग सीट' पर, क्या टीम इंडिया करेगी कोई चमत्कार?

हमें फॉलो करें पर्थ टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया 'ड्राइविंग सीट' पर, क्या टीम इंडिया करेगी कोई चमत्कार?
-सीमान्त सुवीर 
पर्थ। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में 'ड्राइविंग सीट' पर बैठकर चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-1 की बराबरी करने की तैयारी कर चुकी है। चौथे दिन का खेल समाप्त होने के समय भारत की आधी टीम 112 रन बनाकर ड्रेसिंग रूम की शोभा बढ़ा रही थी। जीत के लिए भारत को भले ही 175 रनों की दरकार हो लेकिन विकेट के चरित्र को देखते हुए यह लक्ष्य बहुत मुश्किल लग रहा है। नाबाद बल्लेबाज ऋषभ पंत और हनुमा विहारी यही कोई चमत्कार कर दें तो बात अलग है लेकिन अनुमान यही है कि पर्थ टेस्ट का पटाक्षेप खेल के पहले ही सत्र में हो जाएगा।
 
कब्र में समाया सपना : भारत को इस टेस्ट मैच को जीतने के लिए चौथे दिन 287 रनों का लक्ष्य मिला। जिस प्रकार से टीम इंडिया ने टॉप ऑर्डर के पांच बल्लेबाज (लोकेश राहुल 0, चेतेश्वर पुजारा 4, विराट कोहली 17, मुरली विजय 20 अजिंक्य रहाणे 30 रन) खोए, तभी आभास होने लगा था कि 40 सालों के बाद ऑस्ट्रेलिया में लगातार दूसरा टेस्ट जीतने का सपना कब्र में समाता जा रहा है। इसमें कोई शक नहीं कि जोश हेजलवुड, नाथन लियोन (2-2 विकेट) और मिशेल स्टार्क (1 विकेट) ने बेहतरीन गेंदबाजी करके मैच के तमाम सूत्र ऑस्ट्रेलिया के हाथों में सौंप दिए।
webdunia
अपनी गलती से गंवाए विकेट : सलामी बल्लेबाज केएल राहुल को दूसरी पारी में स्टार्क ने मैच की चौथी गेंद पर ही बोल्ड कर दिया। राहुल अपनी गलती से आउट हुए क्योंकि स्टार्क की इन स्विंग गेंद उनके ग्लब्स से टकराकर स्टंप ले उड़ी। राहुल में आत्मविश्वास की कमी साफ दिखाई दे रही थी। पुजारा अपने पैर जमाते उससे पहले हेजलवुड ने विकेट की उछाल का फायदा उठाते हुए उन्हें विकेटकीपर टिम पेन के दस्तानों में समा डाला। लियोन ने विराट का शिकार किया। कट के प्रयास में वे स्लिप में उस्मान ख्वाजा को आसान कैच थमा बैठे तो रहाणे ने भी हेजलवुड की गेंद पर सिली पाइंट पर खड़े ट्रेविस हेड को कैच प्रेक्टिस करवाई। 
 
विकेट पल पल बदल रहा है अपना चरित्र : पर्थ के जिस विकेट पर यह टेस्ट खेला जा रहा है वह पल पल अपना चरित्र बदल रहा है। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को दरक चुके स्पॉट से मनचाही मदद मिल रही है। हालांकि तीसरे दिन भी कुल 11 विकेट गिरे और चौथे दिन भी 11 विकेट धराशायी हुए, इससे साबित होता है कि यहां पर गेंदबाजों की बल्ले बल्ले हो रही है जबकि बल्लेबाजों को रनों के लिए जूझना पड़ रहा है। 'वेबदुनिया' ने पहले ही दिन आगाह कर दिया था कि यहां बल्लेबाजी करना बहुत मुश्किल होगा, खासकर भारतीय बल्लेबाजों के लिए। साथ ही साथ नाथन लियोन तुरुप का इक्का साबित होने वाले हैं...दोनों की भविष्यवाणी सही साबित हुई।
webdunia
पहली पारी में कम रन पड़ गए भारी : ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 326 रन बनाए थे, जिसके जवाब में भारतीय पारी 283 रनों पर ही ढेर हो गई थी, इसमें भी अकेले विराट कोहली के 123 रन शामिल थे। ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में 243 रन बनाए और भारत के सामने जीत के लिए 287 रनों का लक्ष्य रखा। कंगारु कप्तान टिम पेन-उस्मान ख्वाजा के बीच छठे विकेट की भागीदारी में बने 72 रन और अंतिम विकेट के लिए लियोन-हेजलवुड के बीच हुई 36 रनों की भागीदारी भारत की जीत में सबसे बड़ा रोड़ा बनने जा रही है।
 
मोहम्मद शमी के टेस्ट करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन : भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में 56 रन देकर 6 विकेट झटके। इससे पहले कपिल देव ने 1985 में ऑस्ट्रेलिया में 106 रन देकर 8 और 2003 में अजीत आगरकर ने 56 रन देकर 6 विकेट प्राप्त किए थे। इस लिहाज से शमी अब संयुक्त रूप से भारत के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज बन गए हैं।
webdunia
जब ऑस्ट्रेलिया ने 6 रन के भीतर 4 विकेट गंवाए : पर्थ टेस्ट के चौथे दिन पहले सत्र में भारतीय गेंदबाज दिशाहीन गेंदबाजी के कारण कोई विकेट नहीं ले सके लेकिन लंच के बाद 6 रन के भीतर उसने चार विकेट गंवा दिए थे। ऑस्ट्रेलिया ने 4 विकेट पर 132 रन से आगे खेलना शुरु किया लेकिन 192 पर पांचवा, 192 पर छठा, 198 पर सातवां और 198 के स्कोर पर आठवां विकेट गंवा दिया था। भारत ने 207 पर ऑस्ट्रेलिया के 9 विकेट गिरा दिए थे लेकिन लियोन-हेजलवुड स्कोर को 243 तक ले गए, यही चूक सबसे भारी पड़ने वाली है।
 
इतिहास रचने के लिए कुछ अलग करना होगा : यूं तो चौथे दिन के खेल की स‍माप्ति के बाद ही यह हो गया है कि यह टेस्ट भारत के हाथों से फिसल चुका है। वह एक ऐसी टीम से हारने जा रहा है, जिसमें गेंदबाज बल्लेबाजों की भूमिका निभाकर नाक में दम कर रहे हैं। इन तमाम बातों के बाद भी क्रिकेट की अनिश्चिताओं को नकारा नहीं जा सकता। टीम इंडिया के पांच बल्लेबाजों में से सिर्फ ऋषभ पंत, हनुमा विहारी से चमत्कार की उम्मीद है और यदि उन्हें इतिहास रचना है तो कुछ अलग करना होगा क्योंकि उमेश यादव, मोहम्मद शमी और ईशांत शर्मा से किसी तरह की अपेक्षा नहीं रखी जा सकती। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आईपीएल की नीलामी में युवराज की साख पर दांव