कराची:पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष रमीज राजा ने बुधवार को स्वीकार किया कि लेग स्पिनर यासिर शाह पर कथित तौर पर यौन उत्पीड़न के आरोपी की मदद का आरोप लगना खेल के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि खिलाड़ियों को नियमित तौर पर खेल के दूत के रूप में उनकी भूमिका के बारे में बताया जाता है।
दो दिन पहले इस्लामाबाद के शालीमार पुलिस स्टेशन में एक युगल ने प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कराई जिसमें यासिर शाह का भी नाम है। युगल ने आरोप लगाया है कि इस क्रिकेटर ने अपने मित्र की मदद की जबकि उसे पता था कि उसने उनकी 14 साल की भतीजी से बलात्कार किया है और उसका वीडियो बनाया है।
रमीज ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा, इसमें कोई सोचने वाली बात नहीं है कि यासिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर है और हम इन खिलाड़ियों को प्रशिक्षित और शिक्षित करते हैं कि उनकी भूमिका खेल के दूत की है और उन्हें पता होना चाहिए कि उन्हें किसके साथ और कब कैसा व्यवहार करना चाहिए।
एफआईआर में कहा गया है कि जब पति-पत्नी मदद के लिए यासिर के पास गए तो उसने हंसकर उन्हें भगा दिया, पूरी घटना का मजाक बनाया, उन्हें और उनकी भतीजी को जान से मारने की धमकी दी। साथ ही कहा कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके उन्हें अदालत में घसीटेगा।यासिर और उसके दोस्त से संपर्क नहीं हो पा रहा है और इस मामले में पुलिस अब भी उनकी तलाश कर रही है।
पीसीबी अध्यक्ष ने कहा, मुझे नहीं पता कि इस मामले का सच क्या है लेकिन यह तथ्य है कि इस तरह की सुर्खियां पाकिस्तान क्रिकेट के लिए अच्छी नहीं है और विशेषकर उस समय जब पाकिस्तान क्रिकेट में अब अच्छे समय की वापसी हो रही है।
रमीज ने कहा कि यासिर सहित सभी अनुबंधित खिलाड़ियों को नियमित तौर पर खेल के दूत के रूप में उनकी जिम्मेदारियां याद दिलाई जाती हैं और साथ ही उन्हें बताया जाता है कि सार्वजनिक तौर पर उन्हें कैसा बर्ताव करना है।
पाकिस्तान के लिए 46 टेस्ट और 25 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेलने वाले यासिर अंगुली में चोट के कारण हाल में बांग्लादेश दौरे पर नहीं गए थे।
ICC के नोटिस बोर्ड पर पाकिस्तान के बारे में नकारात्मक सुर्खियां ही देखी: PCB
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के नये मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) फैसल हसनैन ने खुलासा किया है कि देश के बारे में ज्यादातर नकारात्मक रिपोर्ट और सुर्खियां ही आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड) के नोटिस बोर्ड पर लगायी जाती रहीं और कहा कि देश के बारे में धारणा और इसकी प्रतिष्ठा एक समस्या है।
आईसीसी के मुख्य वित्तीय अधिकारी के रूप में काम कर चुके हसनैन ने कहा कि यह सिर्फ देश के क्रिकेट को ही नहीं बल्कि व्यापार और पर्यटन को भी प्रभावित कर रहा है।
हसनैन ने बुधवार को कहा, पाकिस्तान के प्रति धारणा अच्छी नहीं है। मैं इसके बारे में काफी ईमानदार हो सकता हूं। मैं आईसीसी और जिम्बाब्वे क्रिकेट के साथ काम कर चुका हूं इसलिये मैं जानता हूं कि पाकिस्तान क्रिकेट के बारे में अंदर किस तरह की चर्चायें होती हैं। पाकिस्तान के प्रति धारणा और इसकी प्रतिष्ठा एक समस्या है।
पाकिस्तान की प्रतिष्ठा के कारण उसके लिये शीर्ष अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीमों को आमंत्रित करना मुश्किल कर देता है।लाहौर में 2009 में श्रीलंका की टीम बस पर हुए आतंकी हमले के बाद से एक दशक से ज्यादा समय किसी भी टीम ने पाकिस्तान का दौरा नहीं किया था।
उन्होंने कहा, मैं आईसीसी के कार्यालयों के नोटिस बोर्ड पर पाकिस्तान के बारे में नकारात्मक सुर्खियां या खबरें ही देखता रहा हूं।
हसनैन ने मीडिया से पीसीबी (पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड) के साथ मिलकर देश के बारे में नकारात्मक धारणा को बदलने में सकारात्मक भूमिका निभाने की बात करने के साथ कहा कि देश में क्रिकेट की पिचों में सुधार की जरूरत है।
उन्होंने कहा, अब धारणा यह है कि अगर आप पाकिस्तान जाओगे तो आप लगभग एक महीने तक कमरे में रहोगे, आप बाहर नहीं जा सकते, पिचें निर्जीव हैं आदि आदि और इससे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की मानसिकता पर असर पड़ता है। मेरा काम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस धारणा को बदलने का है। (भाषा)