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ओलंपियाड जीत आशाजनक शुरुआत लेकिन भारत में महिला शतरंज को लंबा रास्ता तय करना है: आनंद

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हमें फॉलो करें Chess Olympiads India wins Gold

WD Sports Desk

, शुक्रवार, 27 सितम्बर 2024 (12:30 IST)
Viswanathan Anand on women's chess Chess Olympiads : शतरंज ओलंपियाड में भारत की ऐतिहासिक दोहरी खिताबी जीत से बेहद खुश 5 बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने कहा कि यह आशाजनक शुरुआत है लेकिन देश में महिला शतरंज के लिए अब भी बहुत काम किया जाना बाकी है।
 
भारत ने रविवार को इतिहास रचा जब उसकी पुरुष और महिला दोनों टीमों ने शतरंज ओलंपियाड में पहली बार स्वर्ण पदक जीते।
 
हाल के दिनों में जहां पुरुषों के खेल की लोकप्रियता में वृद्धि हुई है और आर प्रज्ञानानंदा (R Praggnanandhaa) और डी गुकेश (D Gukesh) जैसी युवा भारतीय प्रतिभाएं विश्व मंच पर धूम मचा रही हैं तो वहीं इसके विपरीत महिलाओं के खेल को इस गति से मेल खाने के लिए संघर्ष करना पड़ा है।

Chess Olympiads India wins Gold

 
टेक महिंद्रा ग्लोबल शतरंज लीग के कार्यक्रम के इतर आनंद ने पीटीआई से कहा, ‘‘यह एक बहुत अच्छी शुरुआत है। मुझे लगता है कि अब भी लंबा रास्ता तय करना है क्योंकि हमें लगातार प्रगति करते रहना चाहिए।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अधिक से अधिक लड़कियों को खेलने के लिए प्रेरित किया जाए और मुझे लगता है कि यह परिणाम अधिक लड़कियों को खेलने के लिए प्रेरित करेगा। यही उम्मीद है।‘‘

Chess Olympiads India wins Gold
UNI

 
वैश्विक मंच पर शानदार प्रदर्शन करने वाले कई युवा भारतीयों का मार्गदर्शन करने वाले 54 वर्षीय आनंद ने देश के खिलाड़ियों द्वारा इतिहास रचे जाने पर खुशी जताई।
 
उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले तो यह बहुत गर्व की बात है कि ऐसा हुआ। ऐसा नहीं है कि परिणाम ने मुझे चौंका दिया, यह कुछ घंटों पहले से ही हो रहा था, इसलिए आप खुद को तैयार करते हैं।’’
 
आनंद ने कहा, ‘‘लेकिन आपको अचानक यह अहसास होने पर खुशी होती है कि आप दोहरे ओलंपियाड चैंपियन हैं, मैं उन सभी को कई वर्षों से जानता हूं। मुझे व्यक्तिगत रूप से वहां रहना अच्छा लगा। मुझे दो बार राष्ट्रगान सुनने में मजा आया। और मुझे पता था कि पूरी दुनिया ने भारत के प्रदर्शन पर ध्यान दिया है।’’
 
ओलंपियाड में भारत का प्रदर्शन सराहनीय है लेकिन आनंद ने चेतावनी दी कि अन्य टीमें अपने परिणामों का विश्लेषण करेंगी तथा और भी मजबूत होकर लौटेंगी।
 
जब उनसे पूछा गया कि भारत को रूस, अमेरिका और चीन के स्तर तक पहुंचने में कितना समय लगेगा तो उन्होंने कहा,‘‘आप जिस भी पैमाने का इस्तेमाल करते हैं, उसके आधार पर आप कह सकते हैं कि भारत नंबर एक या नंबर दो या अधिक से अधिक नंबर तीन है।’’
 
आनंद ने कहा, ‘‘लेकिन देखिए हर देश वापस जाता है और सबक सीखता है और इसलिए अन्य टीमें अपनी निराशा को स्वीकार करेंगी, वे वापस जाएंगी और वे और भी मजबूत होकर लौटेंगी।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘खेल में ऐसा ही होता है। मुझे नहीं लगता कि हमारे लिए सफलता सुनिश्चित है। लेकिन हमारे पास शानदार खिलाड़ी हैं जो कम से कम अगले दशक तक सर्वश्रेष्ठ प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा करने जा रहे हैं।’’
 
आनंद का मानना ​​है कि देश में शतरंज की हालिया सफलता की गति को बरकरार रखने के लिए भारत को जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं को तलाशना चाहिए।
 
उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले, खेल को आगे बढ़ाएं। आधार को बढ़ाए। सभी स्तरों पर खिलाड़ियों का समर्थन करें। ग्लोबल शतरंज लीग जैसे आयोजन इसमें बड़ी भूमिका निभाते हैं क्योंकि वे बहुत से लोगों को अवसर देते हैं।’’
 
आनंद ने कहा, ‘‘आप अपनी अपेक्षा से कहीं अधिक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। टीम की जीत, ये सभी चीजें बढ़ावा देंगी। लेकिन हम चाहते हैं कि इस तरह की और भी कई चीजें हों।’’  (भाषा)

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