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IPL टीमों को नहीं लगेगा वैक्सीन, भारत-इंग्लैंड के खिलाड़ी एक से दूसरे बायो बबल में जाएंगे

हमें फॉलो करें IPL टीमों को नहीं लगेगा वैक्सीन, भारत-इंग्लैंड के खिलाड़ी एक से दूसरे बायो बबल में जाएंगे
, सोमवार, 22 मार्च 2021 (19:03 IST)
नई दिल्ली:भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आईपीएल के 14वें सत्र की शुरुआत से पहले सभी टीमों को आईपीएल के लिए बनाई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) से अवगत कराया है।
 
बीसीसीआई ने सभी टीमों को सूचित किया है कि पूरे आईपीएल के दौरान उनका कोरोना टीकाकरण नहीं किया जाएगा। अगर कोई खिलाड़ी या अन्य व्यक्ति कोरोना से संक्रमित पाया जाता है तो उसे कम से कम 10 दिनों तक आइसोलेशन में रहना होगा और फिर कोरोना टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट आने और अन्य औपचारिकताओं के बाद ही बायो-बबल (जैव सुरक्षित वातावरण) में दोबारा प्रवेश दिया जाएगा। ' बबल इंटेग्रिटी मैनेजर्स ' इस प्रक्रिया पर कड़ी निगरानी रखेंगे और किसी तरह का उल्लंघन होने पर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट करेंगे, हालांकि आईपीएल ने यह स्पष्ट किया है कि अगर कोई खिलाड़ी या अन्य व्यक्ति टूर्नामेंट के बायो बबल में प्रवेश से पहले वैक्सीन लगवाता है तो उसे क्वारंटीन में रहना होगा और टेस्टिंग प्रक्रिया से गुजरना होगा।
 
बीसीसीआई ने इन गाइडलाइंस को आईपीएल की मानक संचालक प्रक्रिया (एसओपी) में स्वास्थ्य एवं सुरक्षा प्रोटोकॉल के रूप में नामित किया है। सभी टीमों को इनसे अवगत करा दिया गया है। इन एसओपी के तहत बीसीसीआई आईपीएल के लिए कुल 12 बायो बबल बनाएगा, जिसमें से आठ टीमों के लिए, दो मैच अधिकारियों और दो मैच प्रबंधन टीम, जबकि दो ब्रॉडकास्ट कॉमेंटेटर और क्रू के लिए होंगे।
 
बीसीसीआई द्वारा जारी गाइडलांइस के मुताबिक किसी भी व्यक्ति को आईपीएल में बायो बबल में प्रवेश से पहले सात दिन के अनिवार्य क्वारंटीन में रहना होगा, जबकि खिलाड़ी अपनी राष्ट्रीय टीम के बायो बबल से सीधे फ्रेंचाइजी के बायो बबल में आ सकते हैं। बीसीसीआई ने विशेष तौर पर भारतीय और इंग्लैंड की टीम को बड़ी राहत दी है। इस समय दोनों टीमें सीरीज खेल रही हैं और ऐसे में बीसीसीआई ने भारत और इंग्लैंड के खिलाड़ियों को बिना क्वारंटीन से गुजरे आईपीएल फ्रेंचाइजी के बायो बबल में प्रवेश की छूट दी है।

 भारत और इंग्लैंड के खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम के बबल से आईपीएल बबल में जाएंगे

भारत और इंग्लैंड के बीच जारी सीमित ओवरों की श्रृंखला में शामिल क्रिकेटरों को इंडियन प्रीमियर लीग
(आईपीएल) के लिए सात दिनों के कठिन पृथकवास से नहीं गुजरना होगा क्योंकि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार वे एक बायो-बबल (जैव-सुरक्षित माहौल) से दूसरे में जाऐंगे।
 
भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने इसके साथ ही साफ कर दिया कि आईपीएल से जुड़े किसी भी व्यक्ति को फिलहाल टीका लगाने की योजना नहीं है क्योंकि भारत सरकार ने एक ऐसी प्रणाली बनायी है जिसका वर्तमान में पालन किया जा रहा है।
 
इस एसओपी की एक प्रति पीटीआई-भाषा के पास भी है जिसके मुताबिक, ‘‘ भारत बनाम इंग्लैंड श्रृंखला के लिए बनाए गए बबल में शामिल खिलाड़ी पृथकवास को पूरा किया बिना अपनी फ्रैंचाइजी टीम में शामिल हो सकते हैं।’’
 
इसके मुताबिक, ‘‘ श्रृंखला के समापन के बाद अगर वे बस या चार्टर्ड उड़ान से सीधे टीम होटल में जाते हैं और उनकी यात्रा व्यवस्था सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) संतुष्ट होते है तो ऐसे खिलाड़ी पृथकवास या आरटी पीसीआर जांच के बिना टीम बबल में प्रवेश कर सकते हैं।’’एसओपी में कहा गया कि फिलहाल सरकार ने एलीट एथलीटों के टीकाकरण पर कुछ भी निर्देश नहीं दिया है।
 
इसके मुताबिक, ‘‘ भारत में पहले स्वास्थ्य कर्मियों और महत्वपूर्ण सेवाओं से जुड़े लोगों को टीका लगाया गया। अब 60 वर्ष से अधिक या शारीरिक परेशानी का सामना कर रहे 45 से 59 वर्ष के बीच के व्यक्तियों को टीका लगाया जा रहा है। अभी तक एलीट एथलीटों सहित अन्य समूहों के टीकाकरण की अनुसूची की घोषणा नहीं की गयी है।’’
 
बीसीसीआई हर फ्रेंचाइजी टीमों के साथ चार सुरक्षा अधिकारी (बबल इंटिग्रिटी प्रबंधक) नियुक्त करेगा, जो आईपीएल की पूरी अवधि के दौरान संबंधित टीमों के बबल में रहेंगे और उनके साथ यात्रा करेंगे। इन अधिकारियों को काम फ्रेंचाइजी के किसी भी सदस्य द्वारा बायो बबल तोड़ने की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी को देने की होगी।
 
फ्रेंचाइजी मालिक और परिवार के सदस्य सात दिनों के पृथकवास के दौरान तीन बार आरटी-पीसीआर जांच में नेगेटिव आने के बाद बायो-बबल में प्रवेश कर सकेंगे।बायो-बबल और स्टेडियम में आम लोगों और मीडियाकर्मियों को प्रवेश की मंजूरी नहीं होगी।

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