मुंबई। आईपीएल में सट्टेबाजी और फिक्सिंग से जुड़े नए खुलासे हुए हैं। कानपुर में गुरुवार को गिरफ्तार हुए 3 संदिग्ध सटोरियों ने यह खुलासा किया। इस खुलासे के बाद पुलिस अब गुजरात लॉयंस के 2 खिलाड़ियों से पूछताछ कर सकती है।
इन खिलाड़ियों की कथित भागीदारी का खुलासा कानपुर में गुरुवार को गिरफ्तार 3 संदिग्ध सटोरियों ने किया है। इनमें महाराष्ट्र का पूर्व अंडर-19 क्रिकेटर रमेश नयन शाह और कानपुर का रमेश कुमार और विकास चौहान शामिल हैं। पुलिस ने इनके पास से 40.90 लाख रुपए भी जब्त किए हैं। शाह और विकास को उसी होटल के 17वें फ्लोर से पकड़ा गया था, जहां दोनों टीमें ठहरी थीं, वहीं रमेश को ग्रीनपार्क स्टेडियम से गिरफ्तार किया गया था।
नयन शाह ने स्वीकार किया है कि वह मैचों के नतीजे प्रभावित करने के लिए पिच से छेड़छाड़ करवाता था। कानपुर में इस काम के लिए उसने ग्रीनपार्क के स्टाफ रमेश की मदद ली थी। रमेश पिच पर नयन के आदेश के मुताबिक पानी डालता था। इस तरह नयन को पहले अंदाजा हो गया था कि पिच बल्लेबाजों के लिए मददगार होगी या गेंदबाजों के लिए।
सूत्रों का कहना है कि नयन के परिवार का महाराष्ट्र में मिठाई का बिजनेस है। वह देश के कुछ बड़े सटोरियों का फ्रंटमैन है। इन बड़े सटोरियों में एक नाम राजस्थान के बंटी का भी सामने आ रहा है। एक सूत्र के अनुसार, सटोरिए नयन के जरिए खिलाड़ियों से संपर्क करने की कोशिश करते थे।
एक अधिकारी ने एनबीटी से माना कि 3 साल पहले के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग केस में इस क्रिकेटर का नाम हमारी जांच के दौरान सामने आया था, पर उसके खिलाफ हमें कोई सबूत नहीं मिले थे इसलिए हमने उससे पूछताछ भी नहीं की थी।
इस बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भी इस मामले पर अपना पक्ष रखा है। बोर्ड का कहना है कि कुछ लोगों की गतिविधियों पर एंटी करप्शन यूनिट की नजर थी। बोर्ड ने दावा किया कि 3 लोगों की गिरफ्तारी और मामले का भंडाफोड़ उसी की सजगता की वजह से हुआ है। (भाषा)