फैंस को जानकार हैरानी होगी कि यह पहला विश्वकप है जिसमें महेंद्र सिंह धोनी एक कप्तान के तौर पर नहीं दिखेंगे। साल 2007 से साल 2016 तक वह टीम इंडिया की अगुवाई कर चुके हैं। हालांकि इस बार बोर्ड ने उनको बड़ी भूमिका दी है।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने बुधवार को पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को टी20 विश्व कप के लिये चुनी भारत की 15 सदस्यीय टीम का मार्गदर्शक (मेंटोर) बनाकर सभी को हैरान कर दिया।
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने संयुक्त अरब अमीरात और ओमान में 17 अक्टूबर से शुरू होने वाले टी20 विश्व कप के लिये टीम की घोषणा करने के लिये प्रेस कांफ्रेंस में कहा, पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी टी20 विश्व कप के लिये टीम के मेंटोर (मार्गदर्शक) होंगे।
उन्होंने कहा, मैंने उनसे दुबई में बात की थी। उन्होंने केवल विश्व कप टी20 के लिये मेंटोर बनने पर सहमति दी थी और मैंने अपने सभी साथियों से इस संबंध में चर्चा की और सभी इस पर सहमत हैं। मैंने कप्तान (विराट कोहली) और उप कप्तान (रोहित शर्मा) से बात की और सभी सहमत हैं।
धोनी (40 वर्ष) ने पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर से संन्यास ले लिया था। वह भारत के लिये अंतिम मैच 2019 विश्व कप सेमीफाइनल में खेले थे।
धोनी को है आईसीसी टूर्नामेंट्स जीतने का अनुभव
माना जा रहा है कि उन्हें सीमित ओवरों की क्रिकेट के लिये रणनीति तैयार करने में उनके अनुभव को देखते हुए इस भूमिका के लिये चुना गया है। वह जानते हैं कि आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) के महत्वपूर्ण टूर्नामेंट में जीत कैसे दर्ज की जा सकती है। इसमें कोहली इतने अनुभवी नहीं है।
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे सफल कप्तानों में शुमार विकेटकीपर बल्लेबाज धोनी की अगुवाई में भारत ने दो विश्व कप खिताब - दक्षिण अफ्रीका में 2007 टी20 विश्व कप और भारत में 2011 वनडे विश्व कप - जीते हैं।
टी-20 विश्वकप में कप्तान तो विराट कोहली ही होंगे लेकिन बोर्ड ने महेंद्र सिंह धोनी को मेंटर के रूप में भेजने का फैसला किया है। एक कप्तान के तौर पर महेंद्र सिंह धोनी का टी-20 विश्वकप में कुछ ऐसा प्रदर्शन रहा था।
साल 2007 से 2016 तक कप्तान रहे धोनी
साल 2007 में महेंद्र सिंह धोनी को कप्तानी सौंप कर बोर्ड ने भारतीय क्रिकेट का भविष्य बदल कर रख दिया था। पूरे टूर्नामेंट में भारत सिर्फ न्यूजीलैंड से मैच हारी थी। लीग मैच के बाद भारत ने पाकिस्तान को फाइनल में 5 रनों से हराकर पहला विश्व टी-20 जीता था।
हालांकि इसके बाद लगातार 3 टी-20 विश्वकप में टीम इंडिया का प्रदर्शन लचर रहा। साल 2009, साल 2010 और साल 2012 में भारतीय टीम सेमीफाइनल में प्रवेश नहीं कर पायी।
साल 2014 में भारतीय टीम लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही थी। फाइनल में पहुंचने के बाद वह श्रीलंका के खिलाफ बड़ा स्कोर नहीं बड़ा सकी। यह फाइनल मलिंगा के अंतिम ओवरों के लिए आज भी जाना जाता है। फाइनल को 5 विकेट से जीत श्रीलंका ने पहला टी-20 विश्वकप जीता।
साल 2016 में भारत क्वार्टफाइनल तक भी ना पहुंच पाता अगर धोनी अंतिम गेंद पर बांग्लादेश के रहमान को रनआउट नहीं कर पाते। 2 रनों से जीता हुआ यह मैच आज भी फैंस के दिल में ताजा है। भारत ने इस विश्वकप में सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। हालांकि सेफीफाइनल में वेस्टइंडीज के हाथों भारत को 7 विकेट से हार मिली जिसने यह विश्वकप भी जीता।