कोलकाता। भारतीय विकेटकीपर रिद्धिमान साहा ने गुलाबी गेंद के गेंदबाजों के लिए चुनौती होने की चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि मोहम्मद शमी जैसे गेंदबाजों पर भरोसा किया जा सकता है कि गेंद की रंग या विकेट की प्रकृति कैसी भी हो, वे अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
भारत अपना पहला दिन-रात्रि टेस्ट शुक्रवार से कोलकाता में बांग्लादेश के खिलाफ खेलेगा। इंदौर में पहले टेस्ट में बांग्लादेश पर भारत की पारी और 130 रनों की जीत के दौरान शमी ने 7 विकेट चटकाए थे।
साहा से जब यह पूछा गया कि क्या गेंद का रंग अधिक अंतर पैदा करेगा? तो उन्होंने कहा कि वे (शमी, ईशांत शर्मा और उमेश यादव) जिस तरह की फॉर्म में हैं, उसे देखते हुए गुलाबी गेंद मायने नहीं रखेगी। विशेषकर शमी, वह किसी भी विकेट पर खतरनाक हो सकता है। उसके पास गति है और वह रिवर्स स्विंग हासिल कर सकता है। साहा ने कहा कि उन्होंने अब तक नहीं देखा है कि गुलाबी गेंद से कितनी मूवमेंट मिल रही है?
उन्होंने कहा कि हमने अब तक गुलाबी गेंद की मूवमेंट नहीं देखी है लेकिन हमारे तेज गेंदबाजों की मौजूदा फॉर्म को देखते हुए गेंद का रंग मायने नहीं रखता। बंगाल के शमी और साहा सहित भारत के कुछ खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में गुलाबी गेंद से खेलने का अनुभव है लेकिन इस विकेटकीपर ने कहा कि वह कूकाबूरा गेंद थी।
साहा ने कहा कि सिर्फ गेंद का रंग ही बदलाव नहीं है। इसे अलग तरह से तैयार किया जाता है। समय में भी बदलाव है और अंधेरा घिरने के समय गेंद को देखने में दिक्कत हो सकती है। इससे तेज गेंदबाजों को मदद मिल सकती है लेकिन बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। भारतीय विकेटकीपर साइटस्क्रीन के रंग को लेकर भी चिंतित दिखी, क्योंकि यह सफेद रंग की होगी।