सिडनी। व्यस्त कार्यक्रम, प्रदर्शन पर कड़ी नजर और असफल होने के डर के कारण वर्तमान समय के क्रिकेटरों के लिए शारीरिक स्वास्थ्य की तरह मानसिक स्वास्थ्य भी एक चुनौती बनता जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया में यह मसला सुर्खियों में बना हुआ है, जहां 3 शीर्ष खिलाड़ी मानसिक स्वास्थ्य कारणों से बाहर हो गए। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी कहा कि वे भी इस दौर से गुजरे हैं।
सीमित ओवरों के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में से एक ग्लेन मैक्सवेल ने पिछले महीने अपने मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कुछ परेशानियों के कारण विश्राम ले लिया था। पाकिस्तान के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच से 1 सप्ताह पहले विल पुकोवस्की और निक मैडिनसन ने भी उनका अनुसरण कर दिया है। पुकोवस्की इससे पहले इसी तरह के मामले के कारण 2 बार विश्राम ले चुके हैं।
उनका वास्तविक मामला क्या है, यह अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है लेकिन क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया में राष्ट्रीय टीमों के प्रमुख बेन ओलिवर ने कहा कि उन्होंने यह पद संभालने के बाद कई कारकों पर गौर किया है। उन्होंने सेन स्पोर्ट्स रेडियो से कहा कि मेरे शुरुआती आकलनों के हिसाब से इसमें प्रदर्शन पर कड़ी लोगों की कड़ी निगाह और व्यस्त कार्यक्रम की भूमिका है।
तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क ने भी व्यस्त कार्यक्रम को दोष दिया, क्योंकि कई शीर्ष खिलाड़ियों को महीनों तक घर से बाहर रहना पड़ता है जिससे उनके परिवार और मित्रता पर असर पड़ता है। यह मामला केवल ऑस्ट्रेलिया से ही जुड़ा हुआ नहीं है।
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान मार्कस ट्रैस्कोथिक 2006 में भारत दौरे से बाहर हो गए थे जबकि जोनाथन ट्राट 2013 में ऑस्ट्रेलिया से 1 टेस्ट खेलने के बाद एशेज श्रृंखला के बाकी मैचों में नहीं खेले थे। दोनों ने बाद में खुलासा किया कि वे तनाव और चिंता से जूझ रहे थे।
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी कहा कि वे भी इस दौर से गुजरे हैं और मैक्सवेल जैसे शीर्ष खिलाड़ी द्वारा इस मामले में अपनी स्थिति सार्वजनिक करने के लिए तारीफ भी की। कोहली ने बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट मैच से पहले कहा था कि यह दुनियाभर के लिए क्रिकेटरों के लिए सही उदाहरण है कि अगर आप मानसिक तौर पर सही स्थिति में नहीं हैं तो आप कोशिश करें, कोशिश करते रहें लेकिन आप इंसान हैं और किसी भी मोड़ पर उस मुकाम पर पहुंच जाते हैं, जहां आपको खेल से बाहर रहकर समय बिताने की जरूरत पड़ती है।