नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) खिलाडियों की फिटनेस को लेकर हर वक्त सचेत रहता है। पहले खिलाड़ियों की फिटनेस को जांचने के लिए यो-यो टेस्ट किया गया । इस टेस्ट से यह पता लग सकते हैं कि काैन सा खिलाड़ी मैदान पर पूरी ऊर्जा के साथ खेल सकता है आैर काैन नहीं। यो-यो टेस्ट के कारण कई खिलाड़ियों को बाहर का रास्ता भी देखना पड़ा है, जिसके ताजा उदाहरण युवराज सिंह आैर सुरेश रैना हैं। लेकिन अब खिलाड़ियों को यो यो टेस्ट के अलावा एक आैर टेस्ट से होकर गुजरना पड़ेगा । इस फिटनेस टेस्ट का नाम है 'नेक्सा टेस्ट'।
नेक्सा टेस्ट
खराब फिटनेस से जूझ रहेखिलाड़ियों के लिए यह एक बुरे सपने जैसा है। नेक्सा टेस्ट को पूरा करने में कुल 10 मिनट का समय लगता है, जिसके जरिए शरीर में वसा की जानकारी मिलती है। इसके अलावा मांसपेशियां और खिलाड़ियों के दर्द सहने की क्षमता का पता चलता है। वैसे तो नेक्सा टेस्ट विदेशी फुटबॉल खिलाड़ियों की फिटनेस जांचने के लिए उपयोग में लाया जाता है । इस टेस्ट के बाद जिसका बोन मास कम हुआ या फैट ज्यादा हुआ, उसे टीम में जगह नहीं मिलेगी।
खिलाड़ी अनफिट तो कोहली जिम्मेदार
अगर कोई भारतीय खिलाड़ी नेक्सा टेस्ट में फेल होकर टीम से बाहर होता है तो उसके जिम्मेदार खुद कप्तान विराट कोहली होंगे।
इस नेक्सा टेस्ट में अगर कोई खिलाड़ी फेल हो जाता है और टीम से बाहर हो जाता है तो उसके जिम्मेदार कप्तान कोहली होंगे। वह इस कारण क्योंकि यह नेक्सा टेस्ट का सुझाव, खुद कोहली ने बीसीसीआई को दिया था। 10 जून टीम इंडिया के दिग्गज खिलाड़ी जैसे महेंद्र सिंह धोनी, सुरेश रैना, हार्दिक पांड्या, रोहित शर्मा इस नेक्सा टेस्ट की प्रक्रिया से गुजरेंगे।