नई दिल्ली: भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने स्पिनरों के साथ मिलकर बेहतरीन गेंदबाजी का नजारा पेश किया तथा उस्मान ख्वाजा और पीटर हैंड्सकांब की दर्शनीय अर्धशतकीय पारियों के बावजूद ऑस्ट्रेलिया को दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच के पहले दिन ही शुक्रवार को यहां 263 रन पर आउट कर दिया।
भारत ने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक अपनी दूसरी पारी में नौ ओवर में बिना किसी नुकसान के 21 रन बनाए। कप्तान रोहित शर्मा 13 और केएल राहुल चार रन पर खेल रहे हैं। रोहित को नाथन लियोन के दिन के आखिरी ओवर में अंपायर ने शार्ट लेग पर कैच आउट दे दिया था लेकिन निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) का सहारा लेने के बाद भारतीय कप्तान क्रीज पर टिके हुए हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की लेकिन ख्वाजा (125 गेंदों पर 81) और हैंड्सकांब (142 गेंदों पर नाबाद 72) को छोड़कर उसका कोई भी अन्य बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों का डटकर सामना नहीं कर पाया। कप्तान पैट कमिंस ने 33 रन की पारी खेली। ख्वाजा ने अपनी पारी में 12 चौके और एक छक्का लगाया जबकि हैंड्सकांब की पारी में नौ चौके शामिल हैं।
पिच स्पिनरों के लिए अनुकूल है लेकिन भारत के सबसे सफल गेंदबाज शमी रहे। उन्होंने 60 रन देकर चार विकेट लिए। ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (57 रन देकर तीन) और बाएं हाथ के स्पिनर रविंद्र जडेजा (68 रन देकर तीन) ने उनका अच्छा साथ दिया।
कमिन्स ने लगातार दूसरे मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। ख्वाजा और डेविड वॉर्नर (15) ने पहले विकेट के लिए 50 रन जोड़कर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई।
ख्वाजा अधिक विश्वास के साथ बल्लेबाजी कर रहे थे और उनका फुटवर्क भी अच्छा था लेकिन वॉर्नर को संघर्ष करना पड़ा। मोहम्मद सिराज ने अपने पहले स्पैल में उन्हें काफी परेशान किया। उनकी गेंद वॉर्नर की कोहनी और हेलमेट पर भी लगी।
सिराज ने एक तरह से मंच तैयार कर दिया था और ऐसे में रोहित ने दूसरे छोर से फिर से गेंद शमी को सौंप दी। शमी ने इसके बाद जल्द ही भारत को पहली सफलता दिला दी। उनकी कोण लेती गेंद वॉर्नर के बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर कोना भरत के दस्तानों में समा गई।
ख्वाजा ने अश्विन और जडेजा का डटकर सामना किया। अश्विन ने हालांकि मार्नस लाबुशेन (18) को पगबाधा आउट करके भारत को दूसरी सफलता दिलाई। तब डीआरएस का फैसला भारत के पक्ष में गया था।
इसके एक गेंद बाद स्टीव स्मिथ बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए लेकिन इसका पूरा श्रेय विकेटकीपर भरत को जाता है जिन्होंने बहुत ही अच्छे तरीके से कैच लिया जो काफी नीचे था।
ऑस्ट्रेलिया ने लंच तक तीन विकेट पर 94 रन बनाए। उसने दूसरे सत्र में भी तीन विकेट गंवाए और इस बीच स्कोर को 199 रन तक पहुंचाया।
भारत को दूसरे सत्र में भी पहली सफलता शमी ने दिलाई। श्रृंखला में अपना पहला मैच खेल रहे ट्रेविस हेड (12) ने उनकी गेंद पर दूसरी स्लिप में खड़े राहुल को कैच थमाया।
राहुल का मैच का दूसरा कैच बेहतरीन था जिससे ख्वाजा पवेलियन लौटे। यह इस सत्र का सबसे महत्वपूर्ण मोड़ था। मैदान के दोनों तरफ अच्छी तरह से शॉट खेल रहे ख्वाजा ने पारी के 46वें ओवर में जडेजा की गेंद को रिवर्स स्वीप किया लेकिन राहुल ने एक हाथ से शानदार कैच लेकर उन्हें चलता कर दिया। जडेजा का यह टेस्ट मैचों में 250वां विकेट था।
एलेक्स कैरी (शून्य) दूसरे सत्र में आउट होने वाले तीसरे बल्लेबाज थे। उन्होंने अश्विन की गेंद पर पहली स्लिप में खड़े विराट कोहली को कैच दिया।
हैंड्सकांब ने एक छोर संभाले रखा। उन्होंने ख्वाजा के साथ 59 रन जोड़ने के बाद कमिंस के साथ भी इतने ही रन की साझेदारी की। कमिंस ने अपनी पारी में आक्रामक रवैया अपनाया तथा अश्विन पर दो छक्के भी लगाए।
जडेजा ने कमिंस को पगबाधा आउट करने के बाद इसी ओवर में टॉड मरफी को बोल्ड किया। शमी ने अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे मैथ्यू कुहनमैन (छह) का विकेट उखाड़ कर ऑस्ट्रेलियाई पारी का अंत किया।
भारत नागपुर में खेले गए पहले टेस्ट मैच में पारी और 132 रन से जीत दर्ज करके चार मैचों की श्रृंखला में 1-0 से आगे चल रहा है।(भाषा)