चेन्नई। भारतीय टेस्ट टीम में जगह पक्की कर चुके सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल का कहना है कि अगर रणनीति स्पष्ट है तो विभिन्न प्रारूपों के अनुरूप ढलना आसान होता है। अग्रवाल को चोटिल सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के विकल्प के तौर पर वेस्टइंडीज के खिलाफ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है।
अग्रवाल ने 'चहल टीवी' पर कहा कि मैं इस तरह जितना अधिक खेलूंगा, मेरे लिए उतना ही अच्छा होगा, क्योंकि मुझे खाली बैठने की जगह क्रिकेट खेलने का मौका मिलेगा। जब मानसिकता बदलने (प्रारूपों में बदलाव के कारण) की बात आती है तो बेसिक्स समान रहते हैं। अगर रणनीति स्पष्ट है, तो प्रारूपों के अनुरूप ढलना आसान होता है और खेल को लेकर आपकी समझ स्पष्ट होती है।
पिछले साल दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट पदार्पण के बाद से अग्रवाल ने शानदार प्रदर्शन किया है और वे 2019 सत्र का अंत इस प्रारूप में सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ियों में से एक के रूप में कर रहे हैं। अग्रवाल का कहना है कि वे टेस्ट क्रिकेट खेल रहे हों या सीमित ओवरों का क्रिकेट, उनका ध्यान हमेशा काम पर होता है।
उन्होंने कहा कि मैं कहीं पर भी खेलूं, मैं हमेशा यही सोचता हूं कि मैं अपनी टीम के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता हूं और मैं कैसे टीम को योगदान दे सकता हूं। अगर मैं रन नहीं भी बना पाऊं तो मैं क्षेत्ररक्षण में योगदान देने के बारे में सोचता हूं, मैदान पर अधिक ऊर्जा लेकर आता हूं। अग्रवाल भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में अब तक 2 दोहरे शतक सहित 3 शतक जड़ चुके हैं।