चेन्नई। एक दिवसीय भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी यदि अनफिट हैं और वे 2019 में होने वाले विश्व कप तक फिटनेस समस्या की वजह से अपना खेल जारी नहीं रख सकते तो उनके स्थान पर कप्तानी का दायित्व विराट कोहली को सौंप देना चाहिए। यह बात भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने कही।
विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने चेन्नई में खेले पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच में मेहमान इंग्लैंड की टीम को एक पारी और 75 रन से करारी शिकस्त देकर चार टेस्ट मैचों की सीरीज 4-0 से जीती। विराट कोहली को उनके शानदार प्रदर्शन का पुरस्कार 'मैन ऑफ द सीरीज' के रूप में मिला। पूरी सीरीज में विराट ने टीम का शानदार नेतृत्व किया। यही नहीं उन्होंने खुद बेहतरीन पारियां भी खेलीं।
धोनी के बारे में आकाश चोपड़ा ने कहा कि अगले साल चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन होने वाला है। राष्ट्रीय चयनकताओं को चाहिए कि वे चैंपियंस ट्रॉफी के बाद महेन्द्र सिंह धोनी के भविष्य के बारे में सोचें। इससे फायदा यह होगा कि यदि धोनी से कप्तानी वापस लेकर विराट कोहली को सौंप दी जाती है तो उन्हें विश्व कप के लिए पूरे दो साल का वक्त मिल जाएगा।
आकाश चोपड़ा का यह भी मानना है कि टीम के कप्तान विराट बन जाते हैं तो धोनी को उनकी कप्तानी में खेलने से परहेज नहीं होना चाहिए, बशर्ते तब तक वे खुद को फिट रखने में कामयाब हों। सनद रहे कि पांचवें टेस्ट के दौरान आकाश चोपड़ा कॉमेंट्री कर रहे थे।
चोपड़ा ने कॉमेंट्री करते समय कहा कि हां, महेन्द्र सिंह धोनी बेशक कोहली के नेतृत्व में खेल सकते हैं। अगर वे
धोनी को 2019 तक कप्तान के तौर पर नहीं देखते हैं तो कोहली को वर्ल्ड कप से दो साल पहले कप्तानी सौंपना सही होगा। भारत ने धोनी की कप्तानी में ही 2007 में पहला टी-20 विश्व कप जीता था और फिर 2011 में 50 ओवरों का विश्व कप 28 साल बाद अपने नाम किया था। धोनी का खेल जब शबाब पर था, तब टीम इंडिया ने पहली बार धोनी की कप्तानी में ही टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन टीम का दर्जा भी हासिल किया था।