कोलंबो। श्रीलंका के तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा पर उनके अनुबंध का निरंतर उल्लंघन करने और मीडिया में बिना अनुमति के लगातार बयान देने के आरोप में एक वर्ष का निलंबित प्रतिबंध और मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगाया गया है।
श्रीलंकाई गेंदबाज ने खेल मंत्री दयासिरी जयासेकरा के खिलाफ भी मीडिया में कई आपत्तिजनक बयान दिए थे जिसमें उन्होंने दयासिरी को 'बंदर' तक कह दिया था। समझा जाता है कि उनके इन बयानों के बाद मलिंगा को इस कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ा है।
श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड (एसएलसी) ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि मलिंगा को उनके मीडिया में बिना अनुमति के दिए गए बयानों के लिए अनुशासनात्मक समिति ने दोषी पाया है और उन पर एक वर्ष का निलंबित प्रतिबंध लगाया गया है। 33 वर्षीय गेंदबाज को अपनी अगली एकदिवसीय सीरीज में मैच फीस के 50 फीसदी का जुर्माना भी देना होगा।
हालांकि श्रीलंकाई क्रिकेटर पर लगे इस निलंबित प्रतिबंध के कारण उनके जिम्बाब्वे दौरे में उपलब्धता पर असर नहीं होगा, जहां उन्हें पहले दो मैचों के लिए 13 सदस्यीय टीम में शामिल किया गया है। एसएलसी ने जारी बयान में बताया कि मलिंगा मामले की जांच के लिए अनुशासनात्मक समिति के समक्ष मंगलवार को पेश हुए थे, जहां उन्होंने खुद पर लगे आरोपों को स्वीकार करते हुए सज़ा को स्वीकार कर लिया तथा आधिकारिक रूप से माफी भी मांग ली।
विशेष रूप से बुलाई गई कार्यकारी समिति ने मलिंगा पर एक वर्ष का निलंबित प्रतिबंध लगाया, जो छह महीने में समाप्त हो जाएगा। लेकिन, यही गलती दोबारा होने पर शेष छह महीने की अवधि में फिर से उन्हें निलंबित कर दिया जाएगा। इसके अलावा अगली वनडे सीरीज में मैच फीस पर 50 फीसदी जुर्माना भी लगेगा।
गौरतलब है कि एसएलसी के करार के तहत तेज गेंदबाज मलिंगा ने दो बार अपने करार का उल्लंघन किया है जिसके अनुसार उन्हें बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अनुमति के बिना मीडिया में कुछ भी कहने का अधिकार नहीं था। मलिंगा ने 19 जून को पहली और फिर 21 जून को दूसरी बार नियमों का उल्लंघन किया जिसके बाद बोर्ड की कार्यकारी समिति ने तुरंत अनुशासत्मक कार्रवाई का निर्णय किया था।
मलिंगा के मामले पर तीन सदस्यीय समिति ने सुनवाई की थी जिसमें एसएलसी के सचिव मोहन डी सिल्वा, सीईओ एश्ले डी सिल्वा और अनुशासनात्मक समिति के अध्यक्ष आसेला रेकावा शामिल थे। (वार्ता)