अंतिम ग्यारह में हुई चयन की गलतियों पर क्रिकेट फैंस काफी चर्चाएं कर रहे हैं। कल ऋषभ पंत की जगह रिद्दीमान साहा को विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर तरजीह देने की आलोचना हुई तो आज पृथ्वी शॉ के फ्लॉप शो से फैंस खफा हो गए और उनकी जगह शुभमन गिल को न खिलाने पर सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकाला।
लेकिन जो चर्चा नहीं हुई वह यह कि क्या केएल राहुल को अंतिम ग्यारह का हिस्सा नहीं होना चाहिए था। केएल राहुल एक बल्लेबाज के तौर पर वनडे- टी-20 में खुद को स्थापित कर चुके हैं। हालांकि टेस्ट में उनका प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं है खासकर विदेशी जमीन पर , लेकिन शॉ या फिर मयंक अग्रवाल की जगह उनको जगह मिल सकती थी जो आज रन नहीं बना पाए।
अगर कप्तान कोहली की यह सोच है कि केएल राहुल तभी खेलेंगे जब वह विकेट के पीछे भी खड़े हो सकेंगे। तो विकेटकीपर कप्तान टिम पेन ने भी एडिलेड में खेले जा रहे पहले टेस्ट में मैथ्यू वेड को बल्लेबाज के तौर पर खिलाया है।
यह सही बात है कि गुलाबी गेंद ज्यादा स्विंग करती है इसलिए विकेट के पीछे एक विशेषज्ञ विकेटकीपर चाहिए. क्योंकि गुलाबी गेंद से एक चूक भी मैच का रुख पलट सकती है। लेकिन केएल राहुल को बल्लेबाज के तौर पर खिलाया जा सकता था।
राहुल के पास ऑस्ट्रेलिया में खेलने का खासा अनुभव भी है । साल 2015 के अपने पहले दौरे में उन्होंने शतक जड़ा था और साल 2019 में भी वह भारतीय दल का हिस्सा थे। देखना होगा कि अगर सलामी बल्लेबाज लगातार असफल होते हैं तो क्या कोहली राहुल को सीरीज में अंतिम ग्यारह में जगह देंगे। (वेबदुनिया डेस्क)