भारतीय पिचों पर अक्सर देखा जाता है कि विदेशी टीम भी स्पिन का फायदा ले लेती है। अगर कुछ औसत से ज्यादा के स्पिनर हो तो फिर बात ही क्या है। भारत को भारत की ही ताकत से घायल करने की योजना कई टीमें बना चुकी है और इंगलैंड को 2012 में, ऑस्ट्रेलिया को 2019 में यह सफलता हासिल हुई थी।
दक्षिण अफ्रीका ने भी स्पिन गेंदबाजों की मदद से भारत को उस ही के घर में 3-2 से शिकस्त दी थी। अब तेज गेंदबाजी के लिए मशहूर दक्षिण अफ्रीका वापस से अपने स्पिन गेंदबाजों के भरोसे भारत के खिलाफ जीत पाने की कोशिश करेगा।
इसमें सबसे अहम नाम है केशव महाराज का जो भारत के दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर कई बार विराट कोहली को अपना शिकार बना चुके थे, खासकर वनडे मैचों में। अप्रैल माह में अपनी घातक गेंदबाजी के दम पर वह प्लेयर ऑफ द मंथ का पुरुस्कार भी जीत चुके हैं।
बांग्लादेश को अकेले दम पर हराया था
केशव महराज ने अप्रैल माह में बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट में घातक गेंदबाजी करते हुए 10 ओवर में 32 रन देकर सात विकेट झटके थे। इसके बाद दूसरे टेस्ट में महाराज ने इतने ही विकेट 40 रन देकर लिए।इसके साथ ही वह लगातार चौथी पारी में 2 बार 7 विकेट चटकाने वाले पहले गेंदबाज बन गए थे। इसके अलावा उन्होंने अपने नाम एक और रिकॉर्ड दर्ज करवा लिया। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 150 टेस्ट विकेट पूरे कर लिए थे।
पिछले साल टी-20 डेब्यू पर ही मिली कप्तानी और जीत ली सीरीज
टेम्बा बावुमा की गैर मौजूदगी में श्रीलंका के खिलाफ टी-20 सीरीज में केशव महाराज ने अपना टी-20 अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया था। लेकिन फिर भी उन्होंने कप्तान के तौर पर यह सीरीज जीती वह भी श्रीलंका में। यही नहीं उन्होंने इस सीरीज में अपनी पहली ही गेंद पर टी-20 क्रिकेट में विकटों का खाता खोला। दिलचस्प बात यह है कि उनका नाम सुर्खियों में तब आया था जब उन्होंने साल 2018 में श्रीलंका के खिलाफ 124 रन देकर 9 विकेट लिए थे।
कंठस्थ याद है हनुमान चालीसा
ज्यादातर दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी अमूमन ईसाई धर्म के अनुयायी रहते हैं। एक दो खिलाड़ी इस्लामिक मूल के भी हैं जैसे इमरान ताहिर, तबरेज शम्सी। लेकिन केशव महाराज सनातन हिंदू धर्म के अनुयायी हैं। उन्हें हनुमान चालीसा भी कंठस्थ याद है। वह कोशिश करते हैं कि हर मंगलवार या शनिवार हनुमान जी का जाप कर सकें।