सब्र का फल मीठा होता है यह जयदेव उनादकट से बेहतर और कौन जान सकता है जिनको करीब 12 साल बाद टेस्ट खेलने का मौका मिला और उन्होंने इस प्रारूप में अपना पहला टेस्ट विकेट लिया। तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट और ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने एक एक विकेट लेकर भारत को बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच के शुरुआती दिन गुरुवार को यहां लंच से पहले सफलताएं दिलाई।
बांग्लादेश ने लंच के तक दो विकेट पर 82 रन बनाए हैं। उस समय मोमिनुल हक 23 और कप्तान शाकिब अल हसन 16 रन पर खेल रहे थे।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दिसंबर 2010 में सेंचुरियन में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने के बाद अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे उनादकट ने 20 रन देकर एक विकेट लिया है। उन्होंने दो मैचों के बीच 118 मैच में बाहर रहने का नया भारतीय रिकॉर्ड बनाया।
बाएं हाथ के तेज गेंदबाज उनादकट ने बांग्लादेश के बल्लेबाजों को परेशानी में रखा और पहले टेस्ट मैच में शतक जड़ने वाले जाकिर हसन (15) का विकेट लिया। अश्विन ने नजमुल हसन शंटो (24) को पगबाधा आउट किया।
भारतीय कप्तान केएल राहुल ने मोहम्मद सिराज और उमेश यादव से गेंदबाजी की शुरुआत कराई और नौवें ओवर में पहले बदलाव के रूप में उनादकट को गेंद सौंपी। इस तेज गेंदबाज ने बादल छाए रहने का पूरा फायदा उठाया तथा शंटो और जाकिर दोनों को अपनी अंदर आती गेंदों से परेशान किया।
उनादकट ने आखिर में 14वें ओवर की अतिरिक्त उछाल लेती हुई पांचवीं गेंद पर जाकिर को चकमा दिया। बल्लेबाज ने कट करने के प्रयास में प्वाइंट पर खड़े राहुल को आसान कैच दिया।अश्विन ने अगले ओवर में शंटो को पगबाधा आउट किया जिन्होंने आगे पिच की गई गेंद पर शॉट नहीं खेलने का फैसला किया था।
उनादकट ने दो मैचों में सर्वाधिक अंतर का बनाया नया रिकॉर्ड
भारतीय तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट ने गुरुवार को यहां बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में मैदान पर उतरते ही एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया। वह सर्वाधिक टेस्ट मैचों से बाहर रहने वाले भारतीय क्रिकेटर बन गए हैं।उनादकट ने 2010 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था और उसके बाद अब उन्हें अपना दूसरा टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला है।
उन्हें बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव की जगह टीम में रखा गया है जिन्हें चटगांव में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारत की 188 रन की जीत के बाद मैन ऑफ द मैच चुना गया था।
उनादकट ने 12 साल पहले 16 दिसंबर 2010 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरियन में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। इसके बाद अब उन्होंने 118 टेस्ट मैचों में बाहर रहने के बाद टीम में वापसी की। यह भारत की तरफ से रिकॉर्ड है जबकि विश्व क्रिकेट में वह सर्वाधिक टेस्ट मैचों से बाहर रहने वाले खिलाड़ियों की सूची में दूसरे नंबर पर आ गए हैं।रिकॉर्ड इंग्लैंड के गैरेथ बैटी के नाम पर है जिन्हें दो टेस्ट मैचों के बीच 142 मैच तक इंतजार करना पड़ा था।