एडिलेड। भारतीय टीम के यार्कर विशेषज्ञ जसप्रीत बुमराह की गैर मौजूदगी में टीम प्रबंधन ने यह जिम्मेदारी नई गेंद के उनके जोड़ीदार भुवनेश्वर कुमार को सौंपी है। भुवनेश्वर ने नेट्स पर स्टम्प के नीचे जूते रखकर अभ्यास किया ताकि दूसरे वनडे से पहले यार्कर परफेक्ट कर सकें।
बुमराह की तरह वे यार्कर नहीं फेंकते हैं लेकिन स्लाग ओवरों में पिटाई से बचने के लिए इस पर मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने यहां कहा, यार्कर फेंकने के लिए अलग तरह के कौशल की जरूरत होती है। मैं जूतों पर यार्कर डालने का अभ्यास कर रहा था। स्लाग ओवरों में विकेट लेने और रन रोकने के लिए मैंने यह अभ्यास किया।
उन्होंने कहा कि टेस्ट मैच से बाहर रहने के दौरान वे यार्कर डालने का अभ्यास नहीं कर रहे थे क्योंकि पांच दिनी क्रिकेट में इस गेंद का इस्तेमाल अमूमन नहीं होता है। उन्होंने कहा, मैंने एक महीने तक इसका अभ्यास नहीं किया। टेस्ट में इसकी जरूरत नहीं होती और मैंने मैच नहीं खेला। वनडे और टी20 में इसकी जरूरत पड़ती है।