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जनवरी में रहता है ऋषभ पंत का जलवा, पिछले साल तूफानी पारियां खेलकर बने थे प्लेयर ऑफ द मंथ

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, रविवार, 16 जनवरी 2022 (07:56 IST)
कुछ खिलाड़ियों का एक भाग्यशाली महीना होता है। ऋषभ पंत के लिए जनवरी एक ऐसा ही महीना है। केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट में शानदार शतक जड़ने वाले पंत ने खासे रिकॉर्ड्स अपने नाम किए।

पंत ने अपना चौथा टेस्ट शतक बनाया। उन्होंने यह शतक ऐसी पिच पर बनाया जिस पर बल्लेबाजी काफी मुश्किल मानी जा रही थी। पंत ने 139 गेंदों पर नाबाद 100 रन में छह चौके और चार छक्के लगाए।

हालांकि इसमें जितना श्रेय उनकी बल्लेबाजी को जाता है थोड़ा साल के पहले महीने जनवरी को भी जाता है। ऋषभ पंत ने पिछले साल भी ऐसे ही ताबड़तोड़ पारियां खेलकर ऑस्ट्रेलिया के मैदान पर 1 टेस्ट ड्रॉ कराने और 1 टेस्ट जीतने में अहम भूमिका निभाई थी।

जनवरी 2021 में उन्होंने दो अहम पारियां खेलकर भारत को बोर्डर गावस्कर ट्रॉफी जिताई थी और इसके बाद ऋषभ पंत का कद भारतीय क्रिकेट में अलग स्तर पर पहुंच गया।

पंत की इन दो पारियों से उनका भाग्य उदय हो गया था। वह टीम इंडिया के स्टार बन गए थे। उनको सिर्फ टेस्ट में ही नहीं बल्कि वनडे और टी-20 टीम में भी स्वत जगह मिल गई थी।
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जनवरी 2021 में ऐसे पलटी पंत की किस्मत

खराब फॉर्म से जूझ रहे ऋषभ पंत के लिए टीम इंडिया तक दूर दूर तक जगह नहीं थी लेकिन नवंबर 2020 में ऑस्ट्रेलिया की धरती पर अभ्यास 4 दिनी मैच के दौरान उन्होंने तेज शतक बनाया लेकिन उन्हें फिर भी नजर अंदाज किया गया।

लेकिन जनवरी 2021 उनके लिए खुशखबरी लेकर आया। इस महीने उन्होंने टीम में अपनी छवि बदल दी। वह भी चोटिल होने के बावजूद उन्होंने यह कारनामा दिखाया। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तीसरे  टेस्ट के दौरान ऋषभ पंत को बल्लेबाजी के दौरान बायीं कोहनी में चोट लगी। उन्हें स्कैन के लिए ले जाया गया है। आईसीसी नियमों के तहत रिजर्व विकेटकीपर रिधिमान साहा ने उनकी जगह ली।

पंत को पैट कमिंस की शॉर्ट गेंद पर पूल शॉट खेलते समय चोट लगी। वह पट्टी बांधकर दोबारा मैदान पर लौटे लेकिन उस तेजी से रन नहीं बना सके। जोश हेजलवुड की गेंद पर वह विकेट के पीछे कैच देकर लौटे।

लेकिन अगली पारी में उन्होंने दिखा दिया कि वह टीम इंडिया का भविष्य हैं। हालांकि पंत अपना शतक मात्र 3 रन से चूक गए। उन्होंने 118 गेंद में 97 रन बनाए जिसमें 12 चौके और 3 छक्के शामिल रहे। यह मैच पंत के कारण भारत ड्रॉ करा पाया।

इसके बाद चौथे टेस्ट में उन्होंने इससे बड़ा कारनामा करके दिखाया। 300 से अधिक के लक्ष्य का पीछा कर रही टीम इंडिया अंतिम दिन पंत की धुंआधार पारी के कारण ही बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी जीत सकी। उन्होंने 118 गेंदो में 89 रन बनाए जिसमें 9 चौके और 1 छक्का शामिल था। विजयी चौका पंत ने ही लगाया।
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पंत अपने इस प्रदर्शन के कारण आईसीसी प्लेयर ऑफ द मंथ का पुरुस्कार जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए थे। यही नहीं एक विकेटकीपर के तौर पर उन्होंने सबसे अच्छी टेस्ट रैंकिंग हासिल की।

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