नई दिल्ली। कई मौकों पर महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास की सुगबुगाहट हुई है, लेकिन धोनी हर बार अपने प्रदर्शन से इसका अंत कर देते हैं। इस बार भी आईपीएल से पहले धोनी के संन्यास के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिऩ अपने शानदार प्रदर्शन से उन्होंने अपने आलोचकों के मुंह बंद कर दिए।
इस बार आईपीएल में धोनी ने बखूबी फिनिशर की भूमिका निभाई। आईपीएल टेन में उन्होंने 75 की औसत से 455 रन बनाए। यही नहीं यह रन 150 की स्ट्राइक रेट से आए। धोनी ने अपने बल्ले से कुल 30 छक्के लगाए। उनके प्रदर्शन की बदौलत चेन्नई सुपर किंग्स फिर विजेता बनी।
लेकिन यही धोनी इ्ंग्लैंड के खिलाफ दोनों पारियों में टेस्ट जैसी पारियां खेलते नजर आए। दूसरे वनडे में भारत को लक्ष्य पान के लिए तेज गति से रन बनाने थे पर महेंद्र सिंह धोनी ने सिर्फ 63 की स्ट्राइक रेट से 59 गेंदो की मदद से 37 रन बनाए। वहीं तीसरे वनडे में धोनी के पास काफी समय था भारत को एक सम्मानजनक स्कोर पर पहुंचाने के लिए लेकिन इस बार भी धोनी 66 गेंदो में सिर्फ 42 रन ही बना सके। इस बार भी उनका स्ट्राइक रेट 62 ही था।
अब सवाल यह है कि धोनी जब आईपीएल में इस रफ्तार से रन बना सकते हैं तो वनडे क्रिकेट में क्यों नहीं। धोनी के आईपीएल प्रदर्शन और वनडे क्रिकेट के प्रदर्शन में थोड़ा बहुत नहीं जमीन आसामान का अंतर है।