पंजाब किंग्स के सह मालिक नेस वाडिया का मानना है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने मीडिया अधिकार से 6.2 अरब डॉलर की मोटी धनराशि हासिल की है और इसलिए अब इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को दो अलग-अलग सत्रों में आयोजित किया जाना चाहिए।बीसीसीआई ने आईपीएल के मीडिया अधिकार ई-नीलामी से 48390 करोड़ रुपये में बेचे, जो पिछले चक्र की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक है।
अगले पांच वर्षों में आईपीएल में 94 मैच हो सकते हैं। बीसीसीआई सचिव जय शाह पहले ही कह चुके हैं कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के भविष्य के दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) में आईपीएल के लिये ढाई महीने का समय होगा।
वाडिया ने उम्मीद जताई कि आईपीएल में अधिक घरेलू मैच होंगे और इसका सत्र लंबा खिंचेगा।उन्होंने कहा, आईपीएल ने क्रिकेट को वैश्विक स्तर पर पहुंचाया है। आईपीएल ने क्रिकेट को जरूरी ऊर्जा प्रदान की है और इसे वैश्विक खेल बना दिया है। अब यह और बड़ा हो जाएगा।वाडिया ने कहा, अभी घरेलू मैदान पर केवल सात मैच खेले जाते हैं। ये बहुत कम है। इनकी संख्या कम से कम 14 होनी चाहिए। मुझे वास्तव में लग रहा है कि अब आईपीएल का सत्र लंबा खिंचेगा जो कि लंबे समय से अपेक्षित है।
उन्होंने कहा, यदि आईपीएल को चार महीने के लंबे सत्र तक आयोजित नहीं किया जा सकता है तो क्यों न इसका आयोजन दो सत्रों में किया जाए। इनमें से एक सत्र भारत में और दूसरा किसी अन्य देश में आयोजित किया जा सकता है। भारतीय दुनिया भर में हर जगह हैं। पूरी संभावना है कि आईपीएल में अब अधिक मैच होंगे।फिलहाल एक ही फ्रैंचाइजी ने यह मांग उठाई है आगे दूसरी फ्रैंचाइजी के भी सुर में सुर मिलाने की संभावना है।
इसके अलावा कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने हाल ही में इस ही बात की वकालत की थी कि आईपीएल को दो भागों में बांटा जाए। रवि शास्त्री से बातचीत में आकाश चोपड़ा ने यह बात कही थी कि अब समय आ गया है कि इस विषय में सोचने पर बीसीसीआई जल्द मजबूर होगी।
इसका एक बड़ा कारण यह है कि आईपीएल लबा चले तो वह बोझिल हो जाता है वहीं उसकी लोकप्रियता भी घटती है। सूत्रों के मुताबिक इस बार करीब 2 महीने लंबे आईपीएल के कारण 30 फीसदी दर्शक कम हुए हैं। ऐसे में अगर साल 2021 के जैसे ही आईपीएल को दो भागों में बांटा जाए। तो यह ना केवल खिलाड़ियों और फैंस के लिए बल्कि व्यवसायिक दृष्टिकोण से भी बोर्ड के लिए उचित रहेगा।