विंडीज के खिलाफ सीरीज शुरू होने से पहले नई ओपनिंग जोड़ी की तलाश में है टीम इंडिया

Webdunia
सोमवार, 1 अक्टूबर 2018 (18:57 IST)
नई दिल्ली। मुरली विजय के इंग्लैंड दौरे के बीच में बाहर किए जाने और शिखर धवन के विंडीज के खिलाफ सीरीज शुरू होने से पहले टेस्ट टीम के बाहर किए जाने के बाद विश्व की नंबर एक टेस्ट टीम भारत को अब एक नई ओपनिंग जोड़ी की तलाश है। 

 
भारत को इंग्लैंड में पांच टेस्टों की सीरीज में 1- 4 से हार का सामना करना पड़ा था और इस सीरीज के दौरान भारत को ओपनिंग में कई प्रयोग किए लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर की सफल ओपनिंग जोड़ी के बाद पिछले लगभग 8 साल में भारत ने लगातार कोशिश की है लेकिन उसे ओपनिंग में एक स्थायित्व जोड़ी नहीं मिल पाई है। 
 
राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने विंडीज के खिलाफ 4 अक्टूबर से राजकोट में शुरू हो रही 2 टेस्टों की सीरीज के लिए ओपनर शिखर को टीम से बाहर कर दिया है जबकि चयन से 24 घंटे पहले समाप्त हुए एशिया कप में शिखर सर्वाधिक रन बनाने की बदौलत मैन ऑफ द टूर्नामेंट बने थे। यह हैरानी की बात है कि कोई खिलाड़ी भारत की खिताबी जीत में मैन ऑफ द टूर्नामेंट बनता है लेकिन अगले ही दिन उसे टेस्ट टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। 
 
ओपनर विजय को इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट के बाद शेष 2 टेस्टों के लिए चुनी गई टीम से बाहर कर दिया गया था। टीम में ओपनिंग के लिए मुंबई के 18 वर्ष के बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को शामिल किया गया है जो सलामी बल्लेबाजी में लोकेश राहुल के जोड़ीदार के रूप में उतरेंगे। हालांकि राहुल का इंग्लैंड में ओपनिंग में बल्लेबाजी प्रदर्शन कोई बहुत उम्दा नहीं रहा था। लेकिन पांचवें टेस्ट की दूसरी पारी में वह 149 रन बनाकर टीम में अपनी जगह बचा गए।

सीरीज के 5वें मैच में राहुल ने शिखर के साथ ओपनिंग की थी जिसमें पहली पारी में राहुल ने 37 और शिखर ने तीन रन बनाए थे। दूसरी पारी में राहुल ने 149 और शिखर ने एक रन बनाए। इससे पहले चौथे टेस्ट में शिखर और राहुल ने क्रमश : 23 और 19 तथा 17 और 0 रन बनाए थे। तीसरे टेस्ट में शिखर ने 35 और राहुल ने 23 तथा दूसरी पारी में शिखर ने 44 और राहुल ने 36 रन बनाए। 
 
पहले टेस्ट में विजय ने 20 और 6 रन जबकि शिखर ने 26 और 13 रन बनाए। दूसरे टेस्ट में विजय ने डबल शून्य और राहुल ने 8 और 10 रन बनाए। राहुल का पूरी सीरीज में प्रदर्शन निराशाजनक था लेकिन आखिरी टेस्ट के 149 रन ने उन्हें टेस्ट टीम में बरकरार रखा। भारत को इस साल जनवरी में दक्षिण अफ्रीका दौरे में भी अपनी ओपनिंग जोड़ी से परेशानी झेलनी पड़ी थी। भारत ने विजय और शिखर को लगातार आजमाया लेकिन दोनों बल्लेबाज नाकाम रहे। भारत ने यह सीरीज 1-2 से गंवाई। पहले टेस्ट में मुरली ने 1 और 13 तथा शिखर ने 16 और 16 रन बनाए। ओपनिंग साझेदारी 16 और 30 रन की रही। 
 
भारत यह मैच 72 रन से हार गया। दूसरे टेस्ट में शिखर की जगह लोकेश राहुल को ओपनिंग में उतारा गया लेकिन हालात जस के तस रहे। मुरली ने 46 और 9 तथा राहुल ने 10 और 4 रन बनाए। ओपनिंग साझेदारी 28 और 11 रन की रही। तीसरे टेस्ट में विजय ने 8 और 25 रन बनाए जबकि पहली पारी में राहुल ओपनिंग में उतरकर खाता नहीं खोल सके और दूसरी पारी में पार्थिव पटेल ओपनिंग में उतरे लेकिन 16 रन बनाए। इस मैच में ओपनिंग साझेदारी 7 और 17 रन की रही। हालांकि भारत ने यह मैच मोहम्मद शमी की बेहतरीन गेंदबाजी से 63 रन से जीत लिया। 
 
भारत ने अफगानिस्तान के खिलाफ सीरीज में विजय, शिखर, राहुल और पार्थिव पटेल को आजमाया और आठ महीने बाद इनमें से तीन ओपनर टेस्ट टीम से बाहर हैं और केवल राहुल अपनी जगह बचा सके हैं। ओपनिंग की नाकामी का सीधा असर तीसरे नंबर के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा और चौथे नंबर के कप्तान विराट कोहली पर पड़ता है जिन्हें बल्लेबाजी का पूरा दारोमदार संभालना होता है। 
 
जून में अफगानिस्तान के खिलाफ एकमात्र घरेलू टेस्ट को देखा जाए तो उस मैच में भारत और पारी और 262 रन से विजई रहा। इस मुकाबले में विजय और शिखर दोनों ने शतक बनाए और पहले विकेट के लिए 168 रन की साझेदारी की। भारत की ओपनिंग की समस्या घरेलू पिचों से ज्यादा विदेशी पिचों को लेकर है। हालांकि वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्टों की सीरीज में एक नई ओपनिंग जोड़ी क्या कारनामा करती है यह देखना बाकी है। 
 
शिखर के लिए टेस्ट टीम से बाहर होना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा। वह ऐसे समय टीम से बाहर हुए जब उन्होंने अपनी फार्म वापिस हासिल कर ली थी। उन्होंने एशिया कप में पांच पारियों में 68.40 के औसत और दो शतकों की मदद से 342 रन बनाए और मैन ऑफ द टूर्नामेंट बने लेकिन उन्हें टेस्ट टीम में जगह नहीं मिल सकी। 
 
राहुल का ओपनिंग क्रम तो बरकरार है लेकिन उनके नए जोड़ीदार के रूप में पृथ्वी शॉ उतरने जा रहे हैं जिन्होंने 14 प्रथम श्रेणी मैचों में सात शतकों की मदद से 1418 रन बनाए। उन्होंने हाल में विजय हजारे ट्रॉफी के मैचों में लगातार तीन पारियों में 98, 60 और 129 रन बनाए हैं। 
 
पृथ्वी ने भारत ए की ओर से खेलते हुए दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ अगस्त में 136 रन, जुलाई में विंडीज ए के खिलाफ 188 रन और जून में विंडीज ए के खिलाफ 102 रन बनाए। पृथ्वी उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने 14 साल की उम्र में 330 गेंदों में 85 चौकों और पांच छक्कों की मदद से 546 रन बनाए थे। पृथ्वी का टेस्ट में अभी टेस्ट बाकी है।

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