नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और कप्तान विराट कोहली ने टीम के आधिकारिक प्रायोजक नाइकी द्वारा मुहैया कराई गई निम्नस्तरीय किट पर नाखुशी व्यक्त करते हुए इस मुद्दे को सीओए के समक्ष उठाया है।
भारतीय क्रिकेट टीम के साथ नाइकी 2006 से जुड़ा हुआ है और दुनिया की सबसे बड़ी खेल सामान बनाने वाली कंपनी है। बीसीसीआई के अधिकारियों राहुल जौहरी और रत्नाकर शेट्टी ने सर्वोच्च अदालत द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) के समक्ष नाइकी की शिकायत की है। वहीं समिति के अध्यक्ष विनोद राय ने इस मसले पर चिंता व्यक्त की है।
नाइकी इंडिया ने 2016 में भारतीय क्रिकेट टीम के साथ अपने प्रायोजन को 2020 तक बरकरार रखने के लिए 370 करोड़ रुपए की राशि भुगतान की थी। नाइकी का करार एक जनवरी 2016 से 30 सितंबर 2020 तक का है और वह प्रति मैच टीम को 87 लाख 34 हजार रुपए का भुगतान करती है। बोर्ड ने भी कहा है कि वह जल्द ही इस मसले पर नाइकी के अधिकारियों से मुलाकात कर मामले को सुलझाने का प्रयास करेगी।
इस बीच भारतीय टीम की जर्सी पर स्मार्ट फोन बनाने वाली चाइनीज़ कंपनी ओप्पो का नाम बतौर प्रायोजक रहेगा जिसने टीम को पांच वर्षों के लिए 1079 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। (वार्ता)