पोर्ट ऑफ स्पेन। 'कोच और कप्तान विवाद' से ध्यान हटाते हुए विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम शुक्रवार से यहां अपने वेस्टइंडीज दौरे की शुरुआत करने उतरेगी जहां वह मेजबान टीम के साथ सीरीज का पहला वनडे खेलेगी।
कोच अनिल कुंबले ने कप्तान विराट के साथ मतभेदों के कारण वेस्टइंडीज दौरे से ठीक पहले ही अपना पद छोड़ दिया था, जिसके बाद भारतीय टीम बिना मुख्य कोच ही वेस्टइंडीज पहुंची है, जहां कोचिंग स्टाफ में बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ और क्षेत्ररक्षण कोच आर श्रीधर टीम के साथ दौरे पर कोचिंग की जिम्मेदारी संभालेंगे।
दुनिया की दिग्गज टीमों में शामिल टीम इंडिया फिलहाल विवादों के घेरे में हैं लेकिन उसके और खासकर विराट के लिए वेस्टइंडीज दौरे पर सफल शुरुआत खिलाड़ियों और आलोचकों का ध्यान कुछ समय के लिए अन्य मुद्दों से हटाने में मददगार होगी। भारतीय टीम आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेकर सीधे लंदन से वेस्टइंडीज पहुंची है जहां उसे पाकिस्तान के हाथों फाइनल में 180 रन की बड़ी हार झेलनी पड़ी थी।
2013 की चैंपियन भारतीय टीम भले ही इस बार चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से खिताब गंवा बैठी हो लेकिन वह लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंची और उसका प्रदर्शन संतोषजनक रहा था। वेस्टइंडीज दौरे के लिए भी चयनकर्ताओं ने अपनी मजबूत टीम उतारी है। हालांकि चोट से उबरे सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा को इस दौरे में आराम दिया गया है तथा आईपीएल में प्रभावित करने वाले रिषभ पंत और चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव को मौका दिया है जिनके पास खुद को यहां साबित करने का अच्छा मौका होगा।
विकेटकीपर बल्लेबाज पंत के अलावा कलाई के स्पिनर कुलदीप को चयनकर्ताओं ने काफी चर्चा के बाद टीम का हिस्सा बनाया है। हाल में अंडर-19 टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने कहा था कि भारतीय टीम में अब उंगलियों के बजाय कलाई के स्पिनरों की जरूरत है। ऐसे में कुलदीप के अंतिम एकादश में जगह बनाने की काफी उम्मीद है।
पंत ने गत रणजी सत्र में कमाल का प्रदर्शन किया था और 326 गेंदों में उनकी 308 रन की पारी से वह चर्चा में आए थे जबकि कुलदीप ने इसी सत्र में टेस्ट में पदार्पण किया था और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला टेस्ट में अहम विकेट लिए थे। भारतीय टीम में रोहित के अलावा मध्यम तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को छोड़कर चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेने वाली पूरी टीम विंडीज दौरे का हिस्सा है।
चैंपियंस ट्राफी में ओपनर शिखर धवन (338) और कप्तान विराट (258 रन) का सेमीफाइनल तक प्रदर्शन अच्छा रहा था लेकिन फाइनल में दोनों फ्लाप रहे। टूर्नामेंट में युवराज सिंह ने एक अर्धशतक के साथ 105 रन और महेंद्र सिंह धोनी ने एक अर्धशतक के साथ 67 रन बनाए। बल्लेबाजों को ग्रुप और सेमीफाइनल तक ज्यादा मौका नहीं मिल पाया था लेकिन जब फाइनल में सभी को मौका मिला तो पूरी टीम 158 पर ढेर हो गई।
गेंदबाजी में भुवनेश्वर कुमार सात विकेट लेकर सबसे सफल भारतीय गेंदबाज रहे थे। ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने चार और केदार जाधव ने तीन विकेट लिए। रविचंद्रन अश्विन तीन मैचों में सिर्फ एक विकेट ही ले पाए और उनके पास विदेशी जमीन पर एक बार फिर खुद को साबित करने का मौका रहेगा जहां वह आमतौर पर कम ही सफल हो पाए हैं।
भारत के लिए हालांकि इस सीरीज को खास चुनौतीपूर्ण नहीं कहा जा सकता है क्योंकि वेस्टइंडीज टीम फिलहाल खराब दौर से गुजर रही है और इस बार चैंपियंस ट्रॉफी तक के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी थी। हाल में अफगानिस्तान के साथ उसकी वनडे सीरीज भी 1-1 से ड्रॉ रही और उसके लिए कप्तान जेसन होल्डर के नेतृत्व में पांच मैचों की इस वनडे सीरीज में भारत को हराना विश्व कप के लिए सीधे क्वालीफाई करने की उम्मीदों को बनाए रखने के लिहाज से काफी अहम होगी।
वेस्टइंडीज भुगतान विवाद के चलते क्रिस गेल, ड्वेन ब्रावो, डैरेन सैमी, कीरोन पोलार्ड जैसे शीर्ष खिलाड़ियों के बिना ही खेल रही है जबकि अहम तेज गेंदबाज शैनन गैबरिएल चोट के कारण इस सीरीज में नहीं खेल पाएंगे। हालांकि रोस्टन चेज, देवेंद्र बिशू, शाई होप, अल्जारी जोसेफ जैसे खिलाड़ियों के पास बड़ी टीम के सामने अच्छा प्रदर्शन कर खुद को साबित करने का अच्छा मौका है। (वार्ता)