कोलकाता। भारतीय टीम गुरुवार से शुरू हो रही तीन मैचों की श्रृंखला में श्रीलंका पर जीत का क्रम कायम रखने उतरेगी जबकि श्रीलंकाई टीम पिछली शर्मनाक पराजयों को भुलाकर यहां टेस्ट श्रृंखला जीतने का लगभग नामुमकिन ख्वाब पूरा करने के इरादे से खेलेगी। इस मैच पर वैसे बारिश की गाज गिरने की भी आशंका है क्योंकि मेजबान टीम बारिश के कारण सुबह अभ्यास नहीं कर सकी।
भारत ने श्रीलंका को तीनों प्रारूपों में हराकर 9-0 से सूपड़ा साफ किया था। श्रीलंकाई टीम ने इसके बाद यूएई में पाकिस्तान को 2-0 से हराकर जीत की राह पर वापसी की।
भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के दो महीने के दौरे की तैयारी के लिए इस श्रृंखला को पूरी संजीदगी से ले रही है। पांच जनवरी से शुरू हो रहे दक्षिण अफ्रीका दौरे पर भारत को तीन टेस्ट, छह वनडे और तीन टी20 मैच खेलने हैं।
जुलाई अगस्त में टेस्ट श्रृंखला के बाद से भारत ने 13 वनडे और छह टी20 मैच खेले हैं लेकिन पांच दिनी प्रारूप में खुद को ढालना समस्या नहीं होगी क्योंकि अधिकांश खिलाड़ियों ने अपनी अपनी टीमों के लिए रणजी ट्रॉफी मैच खेले हैं।
श्रीलंका ने 35 साल में 16 मैचों में से यहां एक भी नहीं जीता है। उसने भारत में पहला टेस्ट 1982 में खेला था। अनुभवहीन टीम को लेकर आए कप्तान दिनेश चांदीमल के लिए राह आसान नहीं होगी। उनका भरोसा एंजेलो मैथ्यूज और बाएं हाथ के स्पिनर रंगना हेराथ पर होगा जो 2009 में यहां दौरा करने वाली श्रीलंकाई टीम में भी थे।
मौसम विभाग ने हालांकि 18 नवंबर तक बारिश की चेतावनी दी है। भारतीय टीम आत्मविश्वास से ओतप्रोत है हालांकि चयन की कुछ दुविधायें सामने हैं। ईडन की हरी भरी पिच पर भुवनेश्वर कुमार की टीम में वापसी तय है चूंकि तीन तेज गेंदबाजों और दो स्पिनरों को उतारा जा सकता है।
भुवनेश्वर ने पिछली बार टेस्ट धर्मशाला में आस्ट्रेलिया के खिलाफ इस साल मार्च में खेला था। अभ्यास सत्रों के दौरान वह अच्छी लय में नजर आए।
ईडन पर सितंबर 2016 में न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछले टेस्ट में उन्होंने पांच विकेट लिए थे। उनका साथ उमेश यादव और मोहम्मद शमी देंगे। स्पिनरों में भारत पल्लेकेले में तीसरे टेस्ट के दौरान उतारे गए संयोजन को ही दोहरा सकता है जब चाइनामैन कुलदीप यादव ने बाएं हाथ के स्पिनर रविंद्र जडेजा के लिए जगह खाली की थी। (भाषा)