Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

धर्मशाला की हार से कोई फर्क नहीं पड़ता, टीम इंडिया के साथ रहिए

हमें फॉलो करें धर्मशाला की हार से कोई फर्क नहीं पड़ता, टीम इंडिया के साथ रहिए

शराफत खान

, सोमवार, 11 दिसंबर 2017 (11:43 IST)
भारतीय क्रिकेट टीम को रविवार को धर्मशाला में बड़ी हार का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम जब मैच हारी तो 176 गेंदों का खेल शेष था। रिकॉर्ड बुक में यह हार बड़े अंतर की हार में दर्ज हो गई। साथ ही भारतीय टीम ने 13 मेडन ओवर खेले। हार भी हुई तो उस श्रीलंका टीम से जो लगातार अपने मैच हार रही थी। श्रीलंका टीम ने इससे पहले लगातार 12 मैच हारे। ये तो सभी मैच के तथ्य हैं, लेकिन इस हार के बाद मीडिया में जिस तरह से टीम इंडिया की बखिया उधेड़ी जा रही है, वह ठीक नहीं है। 
 
क्रिकेट की खूबसूरती ही यही है कि वह अनिश्चितत अनिश्चितताओं का खेल है। भारतीय टीम हार गई, और बड़े अंतर से हर गई, लेकिन इस पर यह कहना कि भारतीय टीम की शर्मनाक हार, घटिया प्रदर्शन सही होगा? 
 
दो टीमें जब खेलती हैं तो एक हारती है और एक जीतती है। हां, यह माना जा सकता है कि भारतीय टीम और बेहतर खेल सकती थी, लेकिन धर्मशाल के विकेट में कल कुछ ऐसा हुआ, जिसकी उम्मीद कोई नहीं कर रहा था। दुनिया की कोई भी टीम होती, उसके लिए भी वहां खेलना मुश्किल ही होता। क्या भारतीय टीम के सभी खिलाड़ी खराब तकनीक के कारण आउट हुए? नहीं, बल्कि विकेट गेंद पर न केवल घूम रही थे, बल्कि तेज़ गोलों की तरह निकल रही थी।

सूरंगा लकमल की कई गेंदें तेज़ ऑफ कटर निकलीं, जो इस बात का प्रमाण है कि विकेट बल्लेबाजी के लिए बहुत मुश्किल था। एजेंलो मैथ्यूज़ कोई प्रख्यात गेंदबाज़ नहीं हैं, लेकिन कल वे भी अपनी 125 से 127 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से कमाल कर गए। याने गेंद पट्‍टी में ही ऐसा कुछ था, जिससे वहां खेलने में परेशानी हो रही थी।  
 
भारतीय टीम ने कम स्कोर बनाया, इसके लिए उसके प्रदर्शन को घटिया कह देना सही नहीं होगा। ये वही टीम है, जिसने हमें सैकड़ों बार जीत की खुशी के पल दिए हैं। एक हार से कुच नहीं होता, मोहाली में बुधवार को भारतीय टीम सब हिसाब बराबर कर देगी।   

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

जीतू राय और हिना सिद्धू ने जीते कांस्य पदक