न्यूजीलैंड के नेपियर शहर में मैच शुरू होने से पहले तक किसी को यह यकीन नहीं था कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहले वनडे मैच में क्या करिश्मा होने जा रहा है। विकेट पर घास रहेगी या नहीं, न्यूजीलैंड कड़ी टक्कर देगा या फिर हथियार डाल देगा, ऐसे तमाम सवाल यहां पर क्रिकेट कमेंटरी के लिए जमा हुए सुनील गावस्कर से लेकर दूसरे क्रिकेट पारखियों के दिमाग में हलचल मचा रहे थे लेकिन बुधवार की सुबह जब भारतीय क्रिकेटप्रेमी अलसाई आंखों से मैच का हाल जानने के लिए जागे तो उन्हें इस चमत्कार पर यकीन नहीं हुआ..
न्यूजीलैंड टीम अपने घर में हमेशा से अच्छा प्रदर्शन करते आई है और यह टीम वर्तमान में ऑस्ट्रेलियाई टीम की तुलना में बेहतर नजर आती है, ऐसे में क्रिकेट के जानकार पहले वनडे में रोमांच की उम्मीद में गोते लगा रहे थे। जब खेल शुरू हुआ और मोहम्मद शमी ने अपनी कातिल गेंदों से आतंक मचाया तो तमाम अनुमान धरे के धरे रह गए। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए न्यूजीलैंड की टीम 38 ओवर में 157 रनों के मामूली स्कोर पर धराशायी हो गई।
न्यूजीलैंड को यदि मोहम्मद शमी शुरुआती ओवर में 2 झटके नहीं देते तो संभव था कि स्कोर बोर्ड पर उसका सम्मानजनक स्कोर दिखता। शमी ने दूसरे ही ओवर में मार्टिन गुप्टिल (5) जैसे धाकड़ बल्लेबाज के डंडे बिखेर दिए। इस झटके से न्यूजीलैंड संभल भी नहीं पाया था कि शमी ने चौथे ओवर में कोलिन मुनरो (8) को बोल्ड करके भारतीय खेमे को जोश में भर दिया।
18 रन के कुल स्कोर पर 2 विकेट गंवाने के बाद मेजबान टीम के बल्लेबाज कभी उभर नहीं पाए। कप्तान केन विलियमसन विकेट के एक छोर पर खूंटा गाड़कर खड़े थे और दूसरे छोर से विकेटों का पतझड़ जारी रहा। न्यूजीलैंड के 6 बल्लेबाज दोहरी संख्या तक नहीं पहुंच पाए जबकि विलियमसन ने 64 रनों की जुझारू पारी खेली।
मोहम्मद शमी ने केवल 6 ओवर डाले और 19 रन की कीमत पर 3 विकेट झटके जबकि कुलदीप यादव 39 रन देकर 4 विकेट ले उड़े। युजवेंद्र चहल के हिस्से में 2 विकेट आए। पहले वनडे मैच में जहां भारतीय गेंदबाजी पूरी तरह से हावी रही तो बाद में बल्लेबाजों ने भी अपने जौहर दिखाए।
रोहित शर्मा (11) भले ही जल्दी आउट हो गए लेकिन शिखर धवन (नाबाद 75) के अलावा कप्तान कोहली के 45 रन भारत को जीत के दरवाजे तक ले जाने के लिए काफी थे। भारत ने डकवर्थ-लुईस नियम के तहत जीत का लक्ष्य 2 विकेट खोकर ही अर्जित कर डाला।
कुल मिलाकर टीम इंडिया के धुरंधरों ने पांच वनडे मैचों की सीरीज के पहले मैच को पूरी तरह एकतरफा बना डाला। क्रिकेटप्रेमियों की जुबान पर यही लब्ज थे कि जब आगाज़ ऐसा है तो अंजाम जाने कैसा होगा...
ऑस्ट्रेलिया में भारत ने टेस्ट और उसके बाद वनडे सीरीज पर जिस तरह से अपना कब्जा जमाया, उसने खिलाड़ियों के हौंसलों को पर दे डाले हैं, खासकर उस स्थिति में जबकि इसी साल विश्व कप का भी आयोजन होना है। यूं भी देखा जाए तो आज की तारीख में टीम इंडिया ऐसे प्रतिभाशाली क्रिकेटरों से लैस है जो दुनिया की किसी भी टीम को हराने की कूवत रखती है। (वेबदुनिया न्यूज)