नई दिल्ली। एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के बाद लगभग 21 वर्ष तक भारतीय टीम 1 पारी में 300 रन के स्कोर तक पहुंचने के लिए तरसती रही लेकिन अगले 21 वर्षों के दौरान वह 100 बार 300 या इससे अधिक का स्कोर बनाने वाली पहली टीम बन गई।
भारत का श्रीलंका के खिलाफ मोहाली में दूसरे वनडे के दौरान 4 विकेट पर 392 रनों का स्कोर 100वां अवसर था जबकि टीम ने 300 रन की संख्या को स्पर्श किया था। अब तक कोई भी दूसरी टीम इस मुकाम पर नहीं पहुंच पाई है।
भारत के बाद ऑस्ट्रेलिया का नंबर आता है जिसने 96 बार यह उपलब्धि हासिल की है। दक्षिण अफ्रीका (79), पाकिस्तान (69), श्रीलंका (66), इंग्लैंड (58), न्यूजीलैंड (52), वेस्टइंडीज (38) जिम्बाब्वे (25) और बांग्लादेश (11) भारत से काफी पीछे हैं।
भारत ने अपना पहला एकदिवसीय मैच 13 जुलाई 1974 को खेला था और उसने 300 रनों के स्कोर तक पहुंचने के लिए 21 साल 9 महीने और 2 दिन का समय लिया। यहां तक कि जिम्बाब्वे और श्रीलंका भी उससे पहले इस मुकाम पर पहुंच गए थे। बीच में भारत ने 282 वनडे मैच खेले और वह केवल 1 बार 290 रनों की संख्या पार कर पाया था। भारत का वनडे में पहले 21 साल तक उच्चतम स्कोर 299 रन था, जो उसने श्रीलंका के खिलाफ 1987 में मुंबई में बनाया था।
लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ 15 अप्रैल 1996 को शारजाह में पहली बार 300 रनों की संख्या छूने के बाद भारत ने लगातार यह स्कोर हासिल किया और 21 साल 7 महीने 28 दिन के अंदर 100 बार 300 या इससे अधिक का स्कोर बनाने वाली वह पहली टीम बन गया।
इस बीच भारत ने 650 मैच खेले और 5 बार वह 400 रन के पार भी पहुंचा। केवल दक्षिण अफ्रीका ने ही भारत से अधिक बार 6 अवसरों पर 400 से अधिक का स्कोर बनाया है।
भारत ने 1996 से लेकर 1999 तक 11 बार 300 रनों का स्कोर हासिल किया लेकिन उसके बाद पिछले 18 वर्षों में उसने 89 बार इस आंकड़े को छुआ, जो कि सर्वाधिक है। इनमें से पिछले 10 वर्षों में 65 बार भारतीय टीम इस मुकाम पर पहुंची। वर्ष 2017 में भारतीय टीम 10 बार 300 रनों से अधिक का स्कोर बना चुकी है। उसने इससे पहले 2009 में भी यह कारनामा किया था। ऑस्ट्रेलिया ने 2007 में 11 बार 300 की रनसंख्या हासिल की थी, जो कि रिकॉर्ड है।
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 73 बार और लक्ष्य का पीछा करते हुए 27 बार पारी में 300 से अधिक रन बनाए। यह अलग बात है कि भारत ने जिन 100 मैचों में 300 से अधिक का स्कोर बनाया उनमें से वह 78 में ही जीत दर्ज कर पाया है जबकि ऑस्ट्रेलिया ऐसे 85 मैचों में विजेता रहा। भारत 11 बार 300 रन के अपने स्कोर का बचाव करने में नाकाम रहा जबकि 9 अवसरों पर 300 से अधिक रन बनाने के बावजूद वह लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाया था। ऐसा 1 मैच टाई छूटा था।
भारत ने स्वदेश में 46 और विदेशी धरती पर 54 बार यह आंकड़ा हासिल किया। भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर हालांकि भारत केवल 31 बार ही 300 रन के पार पहुंच पाया। स्वदेश के बाद इंग्लैंड में भारत ने सर्वाधिक 12 बार पारी में 300 या इससे अधिक रन बनाए। स्वदेश में सर्वाधिक बार 300 रन बनाने का रिकॉर्ड भारत के नाम पर ही है। दक्षिण अफ्रीका (44) दूसरे और ऑस्ट्रेलिया (42) तीसरे स्थान पर है। टेस्ट खेलने वाले देशों में जिम्बाब्वे ही एकमात्र देश है, जहां भारत 300 रनों का स्कोर नहीं बना पाया है।
भारत ने श्रीलंका के खिलाफ सर्वाधिक 21 बार यह कारनामा किया है जबकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 15 तथा इंग्लैंड और पाकिस्तान के खिलाफ 14-14 बार पारी में 300 से अधिक का स्कोर बनाया।
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत सर्वाधिक 43 बार 300 रनों के पार पहुंचा, जो विश्व रिकॉर्ड है। उनके बाद रिकी पोंटिंग की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने 37 बार 300 रनों की संख्या को स्पर्श किया। भारतीय कप्तानों में धोनी के बाद सौरव गांगुली (19), विराट कोहली (12) और राहुल द्रविड़ (11) का नंबर आता है। धोनी के टीम में रहते हुए भारत ने 69 बार 300 से अधिक का स्कोर बनाया, जो कि रिकॉर्ड है। (भाषा)