आज फैसले की घड़ी थी... भारत और श्रीलंका में जो आज का मुकाबला जीतता टी20 सीरीज उसके नाम हो जाती। अंतिम मुकाबले में दोनों ही टीमों से कड़ी टक्कर और जबरदस्त रोमांच की उम्मीद थी, लेकिन सभी की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में श्रीलंका और भारत के बीच अंतिम और निर्णायक टी20 मुकाबला खेला गया, जिसे मेजबान टीम ने एकतरफा अंदाज में 7 विकेट से जीतकर अपने नाम किया। मैच में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए सभी को खासा निराश किया और आठ विकेट के नुकसान पर मात्र 81 रन ही बना सकी।
लंकाई चीतों के सामने आसान सा दिखने वाला 82 रनों का टारगेट था, जिसे टीम ने 33 गेंद शेष रहते मात्र तीन विकेट खोकर हासिल कर लिया। श्रीलंका ने न सिर्फ यह मुकाबला जीता, बल्कि भारत से एकदिवसीय श्रृंखला में मिली करारी हार का बदला भी ले लिया। दासुन शनाका की कप्तानी वाली टीम 2-1 से टी20 सीरीज जीतने में सफल रही।
मैच में भारतीय टीम के हार के कई बड़े कारण सामने निकलकर आए। लेकिन हम आपको उन तीन भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो टी20 सीरीज में मिली हार के बड़े विलेन बनकर सामने आए।
1 . संजू सैमसन
इस लिस्ट में पहला नाम 26 वर्षीय विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन का आता है। सैमसन के लिए यह सीरीज आगामी टी20 विश्व कप को देखते हुए काफी अहम मानी जा रही थी, लेकिन उन्होंने अपने फैंस को एक बार फिर निराश किया। तीन मैचों में सैमसन ने 17 के खराब औसत के साथ मात्र 34 रन बनाए।
पहले टी20 आई में संजू सैमसन 20 गेंदों पर 27 रन बनाने में सफल रहे थे, जबकि दूसरे मैच में उनके बल्ले से 13 गेंदों पर सिर्फ 7 रन देखने को मिले। तीसरे मुकाबले में तो, हालत और भी खस्ता दिखी, क्योंकि वह खाता तक नहीं खोल सके।
2 . नीतीश राणा
इस लिस्ट में दूसरा नाम बाएं हाथ के युवा बल्लेबाज नीतीश राणा का आता है। नीतीश को दूसरे टी20 मैच में डेब्यू करने का मौका मिला था लेकिन उन्होंने अपने खेले दोनों मुकाबलों में सभी को बहुत निराश किया। दो मैचों में उनके बल्ले से मात्र 15 रन देखने को मिले।
अंतिम टी20 मैच में नीतीश राणा के पास खुद को साबित करने का बेहतरीन मौका था, लेकिन वह रन बनाना तो दूर विकेट पर खड़े रहने का साहस तक नहीं दिखा सके और 15 गेंदों पर मात्र 6 रन ही बनाकर पवेलियन लौट गए। वाकई में राणा जी भी भारत के लिए किसी विलेन से कम नहीं रहे.
3 . शिखर धवन
जी हां, इस लिस्ट में अंतिम नाम भारतीय कप्तान शिखर धवन का आता है। तीन मैचों में गब्बर के बल्ले से कहने को तप 43 की औसत के साथ 86 रन देखने को मिले लेकिन एक कप्तान और सलामी बल्लेबाज के रूप में यह रन उनको कद के सामने काफी कम थे और अंतिम मुकाबले में तो धवन गोल्डन डक पर आउट होकर पवेलियन लौटे।
साथ ही अंतिम मैच में धीमा विकेट होने के बाद भी शिखर ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया जो अंत में हार का एक बड़ा कारण बनकर भी सामने आया। इतना ही नहीं, जब विकेट से स्पिन गेंदबाजों को मदद मिल रही थी और राहुल चाहर भी तीन विकेट ले चुके थे उसके बाद भी धवन ने सबसे आखिर में कुलदीप यादव को गेंद थमाई और तब तक काफी देर हो चुकी थी।