नई दिल्ली। गेंदबाजों का गेंद पर लार का इस्तेमाल करना आम बात है लेकिन कोविड-19 महामारी के बाद उन्हें गेंद को चमकाने के इस तरीके पर पुन: विचार करना पड़ सकता है जिससे लोगों का मानना है कि पहले ही बल्लेबाजों के अनुकूल बन चुके खेल में उनकी मुसीबत और बढ़ सकती है। दक्षिण अफ्रीका में 2018 के गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण के कारण गेंद की स्थिति की निगरानी बढ़ गई है लेकिन गेंद पर पसीने और लार का इस्तेमाल अब भी वैध है।
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए क्रिकेट के जल्द की शुरू होने की संभावना नहीं है और वेंकटेश प्रसाद, प्रवीण कुमार और जेसन गिलेस्पी जैसे पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि अंतत: जब दोबारा खेल शुरू होगा तो खेल के नियम बनाने वाली संस्था को लार के इस्तेमाल को रोकना पड़ सकता है।
भारत की ओर से 33 टेस्ट और 161 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले पूर्व तेज गेंदबाज प्रसाद ने कहा, ‘मैच जब दोबारा शुरू होंगे तो उन्हें कुछ समय तक सिर्फ पसीने का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि खिलाड़ियों की सुरक्षा सर्वोच्च है।’ प्रसाद ने कहा कि गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल नहीं करने से गेंदबाजों के लिए
चीजें मुश्किल हो जाएंगी लेकिन यह समय की जरूरत है।
पिछले महीने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला के दौरान भारतीय टीम में गेंद पर लार के इस्तेमाल को लेकर काफी चर्चा हुई थी। तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने लार के सीमित इस्तेमाल का संकेत दिया था लेकिन बाद में कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के कारण श्रृंखला रद्द हो गई।
लार के बिना गेंद को चमकाने के लिए सिर्फ पसीने का इस्तेमाल किया जा सकेगा लेकिन प्रसाद के अनुसार यह आसान नहीं होगा। प्रसाद ने कहा, ‘क्योंकि सभी को पसीना नहीं आता। ऐसे में आपको किसी ऐसे खिलाड़ी के पास गेंद फेंकनी होगी जिसे पसीना आता हो। मुझे इतना पसीना नहीं आता था जबकि राहुल द्रविड़ को आता था।’
अपनी शानदार स्विंग के लिए पहचाने जाने वाले प्रवीण ने कहा कि गेंद पर पर्याप्त लार लगाने से स्विंग कराने की उनकी कला को काफी मदद मिली। प्रवीण ने मजाकिया लहजे में कहा, ‘खेल दोबारा शुरू होने पर उन्हें कुछ महीने के लिए लार के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करना होगा। गेंदबाज के रूप में हमें किसी अन्य चीज के इस्तेमाल के बारे में सोचना होगा।
’उन्होंने कहा, ‘तेज गेंदबाजों के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है, स्पिनरों के लिए भी क्योंकि इससे उन्हें ड्रिफ्ट हासिल करने में मदद मिलेगी। स्पिनर अगर चमकते हुए हिस्से को बायीं ओर रखते हैं तो हवा में गेंद बल्लेबाज से दूर जाती है और फिर अंदर आती है। इससे बल्लेबाज की परीक्षा होती है।’
प्रवीण ने कहा कि उन्हें लार से नई गेंद को स्विंग कराने और पुरानी गेंद को रिवर्स स्विंग कराने में काफी मदद मिली। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज गिलेस्पी ने कहा कि खेल में लार के इस्तेमाल पर पुनर्विचार करने का समय आ गया है। गिलेस्पी ने ‘एबीसी ग्रैंडस्टैंड’ से कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह विचित्र सवाल है। इस पर असल में विचार किया जाना चाहिए।’प्रसाद ने हालांकि याद दिलाया कि गेंदबाजी सिर्फ पसीने और लार का इस्तेमाल करना नहीं है और हालात भी काफी मान्य रखते हैं। (भाषा)