Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

इकाना की खूबसूरती को ग्रहण लगा रहा है स्टेडियम प्रशासन का रूखा व्यवहार

हमें फॉलो करें इकाना की खूबसूरती को ग्रहण लगा रहा है स्टेडियम प्रशासन का रूखा व्यवहार
, शुक्रवार, 2 नवंबर 2018 (20:40 IST)
लखनऊ। भारत और विंडीज के बीच 6 नवम्बर को खेले जाने वाले दूसरे ट्वंटी-20 मैच के जरिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने जा रहे इकाना स्टेडियम की नायाब खूबसूरती को यहां के कर्मचारी अपने रूखे और अभद्र व्यवहार से ग्रहण लगा सकते हैं।


अवधी शिल्पकला की बेजोड़ कारीगरी और अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं से भरपूर इकाना सजधज कर भारत विंडीज मुकाबले की मेजबानी के लिए तैयार हो चुका है। घरेलू क्रिकेट के सफल आयोजन के बाद इकाना को पहली बार अंतरराष्ट्रीय मैच की मेजबानी से नवाजा गया है।

स्टेडियम प्रशासन और उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) इस बात से भलीभांति वाकिफ है कि उन्हें इस मैच के आयोजन से ही स्टेडियम को परीक्षा की कसौटी पर खरा उतराना होगा। इसके बावजूद स्टेडियम की देखभाल और मीडियाकर्मियों से समन्वय बनाने के लिए मौजूद स्टाफ अपने रूखे और अभद्र व्यवहार से आयोजन की सफलता पर सवालिया निशान लगा रहा है।

मीडिया कॉर्डिनेटर की जिम्मेदारी संभाल रहे गौरव सिंह को दरअसल समाचार पत्रों और न्यूज एजेंसियों के बारे में ही ठीक से पता नही है। गुरुवार शाम जब गौरव से स्टेडियम की तैयारियों के बारे में जानकारी करनी चाही तो उन्होंने झल्ला कर कहा, 'यहां दिन भर में सैकड़ों पत्रकार आते है अब किस किस को जवाब देता फिरूं। मेरे पास और भी कई काम है।'

इस बीच वहां मौजूद एक शख्स ने कहा, 'आपने अपना परिचय तो दे दिया मगर क्या आप जानते हो मैं कौन हूं। मै यहां का चीफ ऑफीसिएटिंग ऑफिसर यानी सीओओ हूं।' संवाददाता ने जब उनसे नाम जानना चाहा तो वह भी झल्ला कर अंदर चले गए। इस बीच बाहर खडे एक अन्य अधिकारी ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए अपने मातहतों को संवाददाता को गेट से बाहर करने को कहा।

हालांकि देर शाम गौरव ने संवाददाता से अपने कृत्य पर शर्मिंदगी जताते हुए फोन पर माफी मांगी। इस बीच दीपावली से ठीक एक रोज पहले यहां होने वाले मैच में चौके-छक्कों की आतिशबाजी का नजारा देखने के लिए नवाब नगरी के खेल प्रेमी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

इस मैदान पर पिछले सत्र में दुलीप ट्रॉफी और रणजी ट्रॉफी का सफल आयोजन कराया जा चुका है, जिसके बाद स्टेडियम को पहले अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले की जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि लखनवी तहजीब की मिसाल का स्टेडियम में मौजूद कर्मचारियों का मखौल उड़ाना भविष्य में बाधा खड़ी कर सकता है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मोबाइल से दूर रहने वाले बजरंग को नहीं पता सिनेमा हॉल कैसा होता है