पोटचेफ्स्ट्रूम। गत चैम्पियन भारत पहली बार फाइनल में पहुंचे बांग्लादेश के खिलाफ रविवार को अंडर-19 विश्व कप फाइनल में रिकॉर्ड पांचवीं बार खिताब जीतने के प्रबल दावेदार के रूप में उतरेगा।
भारत की 2018 की विजेता टीम में पृथ्वी शॉ और शुभमान गिल थे जो सीनियर टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे तो मौजूदा टीम में यशस्वी जायसवाल, स्पिनर रवि बिश्नोई और तेज गेंदबाज कार्तिक त्यागी है जो इस टूर्नामेंट के बाद स्टार बन गए। फाइनल का नतीजा चाहे जो भी निकले, भारत ने अंडर-19 स्तर पर अपना दबदबा स्थापित कर दिया है।
सेमीफाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 10 विकेट से हराने वाली भारतीय टीम 2000 के बाद सातवां फाइनल खेलेगी जब उसने पहला खिताब जीता था।
अंडर-19 स्तर पर सफलता सीनियर स्तर पर कामयाबी की गारंटी नहीं होती क्योंकि सभी खिलाड़ी जूनियर से सीनियर स्तर के बदलाव में लय कायम नहीं रख पाते। उन्मुक्त चंद की कप्तानी में भारत ने 2012 में खिताब जीता था लेकिन वह सीनियर स्तर पर चल नहीं सके।
हालत यह है कि अब उत्तराखंड की रणजी टीम में भी वह अंतिम एकादश में जगह बनाने के लिए जूझ रहे हैं। दूसरी ओर शॉ और गिल ने सीनियर स्तर पर भी पहचान बनाई। भारत ही संभवत: ऐसी टीम है जिसने हर अंडर-19 विश्व कप में नई टीम उतारी है चूंकि यहां प्रतिभाओं की कमी नहीं है और बुनियादी ढांचा दुरूस्त है।
भारत के अंडर-19 फील्डिंग कोच अभय शर्मा ने कहा, ‘टीम की सफलता का सबसे बड़ा कारण है कि हम एक क्रिकेटर को एक ही विश्व कप खेलने देते हैं। दूसरी टीमों में ऐसे क्रिकेटर हैं जो पिछला विश्व कप भी खेले हैं।’
भारतीय टीम ने विश्व कप से पहले दुनिया भर में 30 मैच खेले। दक्षिण अफ्रीका के हालात में ढलने के लिए श्रीलंका और मेजबान के खिलाफ त्रिकोणीय सीरीज भी खेली।
फाइनल में भारत का सामना बांग्लादेश से होगा जो पिछली बार क्वार्टर फाइनल में हार गई थी। प्रियम गर्ग की अगुवाई वाली टीम ने एशिया कप और इंग्लैंड में त्रिकोणीय सीरीज में उसे हराया था। शर्मा ने हालांकि कहा, ‘बांग्लादेश बहुत अच्छी टीम है। हम उसे हलके में नहीं लेंगे।’
वहीं बांग्लादेश के कोच अकबर अली ने सेमीफाइनल के बाद कहा था, ‘हम अनावश्यक दबाव नहीं लेना चाहते। भारत के खिलाफ हमें तीनों विभागों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। मैं अपने प्रशंसकों से कहूंगा कि हमारे लिए दुआ करते रहें।’