सिंगापुर। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की मंगलवार से शुरू हो रही सिलसिलेवार बैठकों में दुनिया भर में तेजी से बढती जा रही टी-10 और टी-20 लीगों पर नकेल कसने के लिए कड़े मानदंड अपनाएगी। आईसीसी के कई सदस्यों ने आईपीएल की सफलता को देखते हुए अपनी अपनी टी-20 लीगें शुरू कर दी। अफगानिस्तान ने अपनी टी-20 लीग यूएई में कराने का फैसला किया है।
टी-20 प्रारूप की बढती लोकप्रियता के बाद आईसीसी को अब टी-10 लीग पर भी नजर रखनी होगी, जिसे पिछले साल मंजूरी दी गई। बैठक से पहले आईसीसी के क्रिकेट महाप्रबंधक ज्यौफ एलार्डिस ने स्वीकार किया कि इस तरह की लीगों की तादाद बढ़ना जोखिमभरा है।
उन्होंने कहा कि हम बैठक में टूर्नामेंटों के नियमों और प्रतिबंधों और लीग के लिए खिलाड़ियों को छोड़ने जैसे मसलों पर बात करेंगे। इसके अलावा लीगों में मालिकाना ढांचा कैसा होगा और वित्तपोषण का स्रोत क्या होगा, जैसे मसलों पर भी बात की जाएगी। अलार्डिस ने कहा कि टी-20 लीगों को आईसीसी से मान्यता मिलना अब कठिन होगा।
उन्होंने कहा कि हर किसी के लिए हमारे दरवाजे खुले नहीं होंगे। भविष्य में मान्यता मिलना कठिन होगा और किसी भी टूर्नामेंट को घरेलू बोर्ड तथा आईसीसी दोनों से मान्यता लेनी होगी। 5 दिन तक चलने वाली बैठक में 2019 विश्व कप के बाद होने वाली पहली विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के बारे में भी बात की जाएगी।
आईसीसी की पहली स्वतंत्र महिला निदेशक के रूप में पेप्सीको की पूर्व सीईओ इंदिरा नूई पहली बार बैठक में भाग लेगी। भारत का प्रतिनिधित्व कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी करेंगे। यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे सीईओ राहुल जोहरी को अपना नाम वापस लेना पड़ा है।