मेलबर्न। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने भारत और आस्ट्रेलिया के बीच एमसीजी पर खेले गए तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच की पिच को भी पर्थ स्टेडियम की तरह औसत करार दिया।
‘सिडनी मार्निंग हेराल्ड’ की रिपोर्ट के अनुसार, 'मेलबर्न क्रिकेट क्लब का बाक्सिंग डे टेस्ट मैच का मेजबान बने रहने की कवायद को बढ़ावा मिला है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने भारत की 137 रन से जीत के बाद एमसीजी को औसत दर्जा ही दिया है।'
रिपोर्ट के अनुसार आईसीसी ने मंगलवार को औसत दर्जा दिए जाने की पुष्टि की। यह पिछले साल ड्रा छूटे एशेज टेस्ट मैच की तुलना में बेहतर दर्जा है क्योंकि तब एमसीजी की पिच को तीन ‘डिमेरिट प्वाइंट’ मिले थे।
औसत दर्जा मिलने का मतलब है कि आईसीसी से इस मैदान को कोई डिमेरिट प्वाइंट नहीं मिला है। आईसीसी के नियम के अनुसार अगर किसी मैच स्थल को पांच साल के अंदर पांच डिमेरिट प्वाइंट मिलते हैं तो उसका अंतरराष्ट्रीय दर्जा खत्म हो जाता है।
एमसीजी की पिच तब चर्चा में आई जब भारत ने लगभग दो दिन तक बल्लेबाजी करते हुए 443 रन बनाए। यहां तक कि उसके प्रमुख बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने धीमी बल्लेबाजी का कारण पिच की प्रकृति को बताया था। इसके बाद हालांकि जब भारत ने गेंदबाजी की तब लग रहा था कि विकेट जीवंत हो गया है। ऑस्ट्रेलिया के 20 में से 15 विकेट भारतीय तेज गेंदबाजों ने लिए।
एमसीजी की वर्तमान पिच 15 साल पुरानी है लेकिन अगले सत्र में भी इसका उपयोग किया जाएगा। नई पिच तैयार करने में तीन साल का समय लगेगा। (भाषा)