काबुल: पूर्व दक्षिण अफ्रीकाई ऑलराउंडर लांस क्लूजनर ने अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के रूप में अनुबंध न बढ़ाने का फैसला किया है। उनका मौजूदा अनुबंध आगामी 31 दिसंबर को खत्म हो जाएगा।
क्लूजनर को दो वर्ष पहले सितंबर 2019 में इस पद पर नियुक्त किया गया था, जब फिल सिमंस ने वनडे विश्व कप 2019 के बाद टीम की कोचिंग छोड़ दी थी। क्लूजनर ने सोमवार को मीडिया में दिए बयान में कहा, “ टीम के साथ दो साल बिताने के बाद मैं कुछ यादगार पल अपने साथ ले जाऊंगा। जैसे ही मैं अफगानिस्तान क्रिकेट टीम और इसकी क्रिकेट संरचना से दूर होऊंगा मैं अपने कोचिंग करियर में अगले चरण और अवसरों को देखूंगा। ”
लांस क्लूजनर मानते हैं अफगानिस्तान की असल ताकत टी-20 क्रिकेट है। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि अफगानिस्तान किस तरह की बेखौफ क्रिकेट खेलता है। इस कारण क्रिकेट के इस फॉर्मेट में उनका उज्जवल भविष्य है।
उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान ने क्लूजनर की कोचिंग में सभी प्रारूपों में अच्छा प्रदर्शन किया है। टीम ने एक टेस्ट, छह में से तीन वनडे और 14 टी-20 मैचों में से नौ में जीत हासिल की है, जिसमें वेस्ट इंडीज और आयरलैंड के खिलाफ सीरीज जीत शामिल है। हाल ही समाप्त टी-20 विश्व कप में हालांकि उसका प्रदर्शन निराशाजनक रहा था, जहां वह अपने पांच सुपर 12 मैचों में से सिर्फ दो जीतकर नाकआउट की दौड़ से बाहर हो गई थी।
बतौर कोच पहली ही सीरीज में अफगानिस्तान ने टी-20 विश्वकप विजेता इंडीज को हराया
वेस्ट इंडीज के फिल सिमन्स का कार्यकाल विश्व कप 2019 में समाप्त होने के बाद अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) को मुख्य कोच पद के लिए 50 आवेदन मिले थे। क्लूजनर 2019 में भारत के खिलाफ समाप्त हुई टी20 सीरीज में दक्षिण अफ्रीका के सहायक बल्लेबाजी कोच थे। लांस क्लूजनर को सितंबर 2019 के आखिर में अफगानिस्तान क्रिकेट टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया था।
उनके कोच बनने के बाद अफगानिस्तान टीम ने लखनऊ के एकाना स्टेडियम में टी-20 विश्वकप 2016 की विजेता टीम वेस्टइंडीज को तीन मैचों की टी-20 सीरीज में 2-0 से हराया था।
अफगानिस्तान ने 2020 में कोरोना महामारी के कारण बहुत कम क्रिकेट खेला लेकिन टीम ने क्लूसनर के कोच रहते तीन में से एक टेस्ट, छह में से तीन वनडे और 14 में से नौ टी20 मैच जीते।
ऐसा रहा था करियर
साल 1996 में अपना डेब्यू करने वाले लांस क्लूजनर वनडे में पहली पारी में तो गेंद और बल्ले से फेल रहे थे लेकिन इसके तुरंत बाद भारत के खिलाफ खेले गए टेस्ट डेब्यू में उन्होंने दूसरी पारी में 8 विकेट लेकर तहलका मचा दिया था।
उन्होंने 1999 में भारत के विश्वकप अभियान की शुरुआत में भी रंग में भंग डाल दिया था। पहले मैच में भारत अच्छी स्थिती में थी और दक्षिण अफ्रीका के सभी मुख्य बल्लेबाज आउट हो गए थे। लेकिन क्लूजनर ने अकेले दम पर अफ्रीका को यह मैच 4 विकेट से जिता दिया।
इस विश्वकप में क्लूजनर ने 281 रन बनाए और वह भी 140 की औसत से। इसका कारण था उनका बहुत कम बार आउट होना। उस विश्वकप में क्लूजनर के आउट होने पर सट्टा लगने लगा था। इस टूर्नामेंट में गेंद से भी उन्होंने 17 विकेट लिए थे।
ऐसे शानदार ऑलराउंडर को अपना करियर सिर्फ इसलिए जल्द खत्म करना पड़ा क्योंकि वह युवाओं के लिए खतरा बन रहे थे। कप्तान के इस बयान पर हालांकि क्लूजनर ने कहा था कि कप्तान ग्रीम स्मिथ उनसे डरते हैं। साल 2004 में उन्होने क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।
क्लूजनर ने अपने 1996 से 2004 तक के करियर में 49 टेस्ट और 171 वनडे मैचों में दक्षिण अफ्रीका का प्रतिनिधित्व किया और दोनों प्रारूपों में क्रमशः 1906 और 3576 रन तथा 80 और 192 विकेट लिए।