टीम इंडिया ने एक साहसिक कदम उठाते हुए दूसरे टेस्ट में विराट कोहली की जगह ऑलराउंडर रविंद्र जडेज़ा को दी है। जडेजा अपनी चोट से उबर गए हैं और उनको टीम में इसलिए लिया गया है ताकि गेंदबाजी और बल्लेबाजी में टीम इंडिया को मजबूती दे सकें।
वैसे तो जडेजा टीम इंडिया के स्थायी टेस्ट खिलाड़ी नहीं है । खासकर विदेशी दौरे के लिए तो बिल्कुल भी नहीं लेकिन इस बार उनसे ज्यादा उम्मीद लगाई जा रही है । उसका कारण है भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनका बेहतरीन प्रदर्शन
पहले टी-20 में मंझधार से निकाली भारत की पारी
पहले टी 20 में जहां भारत के लगातार विकेट गिर रहे थे वहीं रविंद्र जडेज़ा कंगारुओं पर प्रहार कर रहे थे। अगर वह विकेट पर टिक के न खेल पात तो भारत 160 रनों का लक्ष्य ऑस्ट्रेलिया को नहीं दे पाता। यह मैच भारत सिर्फ 13 रन से जीता। इससे जड़ेजा की अर्धशतकीय पारी की अहमियत पता चलती है।
हालांकि आखिरी ओवर में वह कन्कशन का शिकार हो गए और गेंदबाजी के लिए मैदान पर उतरे। अंत में उनको चोट के कारण सीरीज से भी बाहर कर दिया गया।
तीसरे वनडे में हार्दिक के साथ मिलकर भारत को पहुंचाया 300 तक
एक समय भारत की स्थिति बेहद नाजुक थी। अर्धशतक जमा चुके कप्तान विराट कोहली का विकेट जब गिरा तो भारत 152 पर 5 विकेट गंवा चुका था।इसके बाद हार्दिक पंड्या और रविंद्र जडेजा ने पिच पर टिक कर बल्लेबाजी की और अंतिम 6 ओवरो में 85 रन बनाए। दोनों ने ही छठवें विकेट के लिए 150 रनों की अविजित साझेदारी की। जिससे भारत 300 के लक्ष्य तक पहुंच सका। यह मैच भी भारत ने 11 रनों से जीता।
अब फैंस यह चाहेंगे कि जडेजा टेस्ट में भी वही कमाल दिखाएं जिससे टीम इंडिया सीरीज में वापसी कर पाए। (वेबदुनिया डेस्क)