एजबेस्टन:साल 2020 में जब कोरोना की पहली लहर चल रही थी और सभी फैंस और विशेषज्ञ क्रिकेट के भविष्य को लेकर चिंतित थे तो इंग्लैंड ने ही अगस्त के महीने में वेस्टइंडीज के साथ 3 टेस्ट मैचों की श्रंखला की मेजबानी करके बताया कि इन परिस्थितियों में बिना दर्शकों के भी क्रिकेट खेलना जा सकता है।
इस साल इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड यह बताना चाह रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर में भी दर्शकों की उपस्थिती में क्रिकेट मैच खेला जा सकता है। गौरतलब है कि मार्च महीने से ही जहां भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट हुआ है बिना दर्शकों के हुआ है। ऐसे में 3 महीने बाद ही दर्शकों की उपस्थिती में टेस्ट मैच की मेजबानी का जोखिम इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने लिया है।
इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच आगामी टेस्ट सीरीज के दूसरे और आखिरी टेस्ट मैच में लगभग 18 हजार दर्शकों को स्टेडियम में प्रवेश की अनुमति होगी, जो कि स्टेडियम की क्षमता का 70 प्रतिशत है। मैच के हर दिन इतने दर्शक मैदान में उपस्थिति होंगे। दोनों टीम के बीच आखिरी टेस्ट मैच ब्रिटेन सरकार के पायलट प्रोजेक्ट का हिस्सा होगा, ताकि सामूहिक भागीदारी कार्यक्रमों के फायदे और नुकसान को समझा जा सके।
यह मैच सरकार के इवेंट रिसर्च प्रोग्राम के दूसरे चरण का पहला पायलट कार्यक्रम भी होगा। समझा जाता है कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य स्टेडियम के चारों ओर घूमते वक्त परीक्षण प्रोटोकॉल, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहने होने का विश्लेषण करना है।
इस मैच में दर्शकों की मौजूदगी संक्रमण के जोखिम को लेकर और सबूत को समझने और इकट्ठा करने का एक प्रयास भी है। सरकारी प्रोटोकॉल के अनुसार टिकट धारकों को कोरोना टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी, जो 24 घंटे पुरानी नहीं होनी चाहिए। सभी टिकट धारकों की उम्र 16 वर्ष और उससे अधिक होनी चाहिए।
एजबेस्टन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टुअर्ट कैन ने एक बयान में कहा, “ एजबस्टन एक क्रिकेट स्थल के रूप में अनोखा है, क्योंकि यह बहुत बड़ा स्टेडियम है। इसके साथ ही हमारे पास एक बहुत ही अनुभवी ऑपरेशनल डिलीवरी टीम भी है, जिसने पिछली गर्मियों में कई प्रमुख कार्यक्रमों और दर्शकों की मौजूदगी वाले एक पायलट प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी संभाली थी। हम हमेशा पायलट कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आशावान रहे हैं और उन हजारों टिकट धारकों के लिए खुश हैं जो अब स्टेडियम में बैठ कर क्रिकेट का लुत्फ ले सकेंगे। ”(वार्ता)